भोपालमध्य प्रदेश

रुक सकते हैं आईजी से एडीजी के पदोन्नति आदेश, 3 दिन के लिए टल गई DPC

भोपाल
प्रदेश में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के अस्थाई पदों को कम करने की तैयारी सरकार कर रही है। इसके चलते डीपीसी के बाद आईजी से एडीजी के पद पर पदोन्नत करने के आदेश को कुछ महीनों के लिए रोका जा सकता है। इस पर विचार करने के चलते ही आईपीएस अफसरों की डीपीसी को कुछ दिन के लिए टाला गया है। अब डीपीसी 30 दिसंबर को होने जा रही है।

प्रदेश सरकार एडीजी के पद सिर्फ स्वीकृत पदों तक सीमित करना चाहती है। इस कारण वह अस्थाई पद कम करने पर विचार कर रही है। विचार में अभी कुछ समय लग रहा है, इसलिए वर्ष 1997, 2004, 2008  बैच के आईपीएस अफसरों  की होने वाली डीपीसी को तीन दिन के लिए टाल दिया गया है। पहले यह आज यानी 27 दिसंबर को होने वाली थी, अब विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक 30 दिसंबर को होगी। इसके अगले दिन यानी 31 जनवरी को 2004 बैच के अफसरों को डीआईजी से आईजी और वर्ष 2008 बैच के एसपी रैंक के अफसरों को डीआईजी बनाने के साथ ही वर्ष 2009 बैच के अफसरों को सिलेक्शन ग्रेड दिये जाने के आदेश जारी किये जा सकते हैं।

सूत्रों की मानी जाए तो वर्ष 1997 बैच के आईपीएस अफसरों को एडीजी के पद पर पदोन्नति देने का आदेश फिलहाल टाला जा सकता है। वर्ष 2022 में डीजी रैंक के 5 अफसर रिटायर हो रहे हैं। जबकि आईजी से एडीजी बनने के लिए तीन अफसरों की डीपीसी हो रही है। डीजी के पद खाली होने और उनकी जगह पर एडीजी को पदोन्नत करने पर आईजी रैंक के इन तीन अफसरों को एक-एक कर पदोन्नत किया जा सकता है। आईजी से एडीजी के लिए भोपाल कमिश्नर मकरंद देउस्कर, जबलपुर आईजी उमेश जोगा और गृह सचिव डी श्रीनिवास राव को पदोन्नति मिलना है।

डीजीपी विवेक जौहरी पांच मार्च को अपने पद से मुक्त होंगे। वहीं 31 मार्च को स्पेशल डीजी पुलिस फायर सर्विस अरुणा मोहन राव रिटायर होंगी। जबकि 31 मई को लोकायुक्त डीजी राजीव टंडन, स्पेशल डीजी एसएएफ मिलिंद कानस्कर 31 अगस्त और 31 अक्टूबर को स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा रिटायर हो रहे हैं। वहीं प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ यूसी षडंगी, एडीजी पीएस फणनीकर, एडीजी जेल जीआर मीणा और एडीजी वी मधु कुमार भी वर्ष 2022 में रिटायर होंगे।

प्रदेश में अभी 37 एडीजी पदस्थ हैं। प्रदेश में अभी एडीजी के स्वीकृत पदों की संख्या 32 है जबकि अस्थाई पदों की संख्या 15 हैं। सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे एडीजी के स्वीकृत पदों की संख्या 15 से घटकर आधा दर्जन तक पहुंच जाए।

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