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सीहोर : अजब कांग्रेस, गजब जिला संगठन- बुदनी विधानसभा में नियुक्तियां हुई नहीं और दिग्विजय सिंह लेंगे बैठक

- कांग्रेस जिलाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, नहीं दिख रही चुनावी तैयारियां

सीहोर। एमपी अजब है…गजब है… लेकिन उससे बढ़कर सीहोर जिले में अजब कांग्रेस… गजब जिला संगठन है, जिसकी कार्यप्रणाली पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह चुनावी तैयारियों के लिए मैदान में हैं। वे जिलों में जाकर संगठनात्मक गतिविधियों एवं बैठकें ले रहे हैं। इसी कड़ी में दिग्विजय सिंह रविवार को सीहोर जिले के बुदनी विधानसभा के सेक्टर एवं मंडलम प्रभारियों की बैठक लेने के लिए रेहटी पहुंच रहे हैं। दिग्विजय सिंह रेहटी की कृष्णा वाटिका में मंडलम्, सेक्टर प्रभारियों, अध्यक्षों एवं कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। लेकिन अब तक न तो बुदनी विधानसभा में मंडलम् एवं सेक्टर अध्यक्षों, प्रभारियों की नियुक्तियां हुई हैं और न ही यहां पर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है। ऐसे में अब दिग्विजय सिंह यहां पर बैठक लेने के लिए पहुंच रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जिले में कांग्रेस संगठन की कार्यप्रणाली सबके सामने है। अब तक बुदनी विधानसभा में नियुक्तियां ही नहीं हो सकी हैं और दिग्विजय सिंह जी की बैठक का कार्यक्रम तय कर दिया गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री यहां पर किनकी बैठक लेंगे और किन तैयारियों को लेकर बैठक लेंगे यह तो जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह तोमर ही बता सकते हैं।
चुनावी साल में भी नहीं है जिला कांग्रेस गंभीर-
यूं तो 17 सालों में विपक्ष की भूमिका भी बेहतर नहीं निभाने वाली जिला कांग्रेस कमेटी अब चुनावी साल में भी गंभीरता नहीं दिखा रही है। इसका उदाहरण सामने है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. बलवीर सिंह तोमर की कार्यप्रणाली को लेकर भी लगातार सवालिया निशान उठाए जा रहे हैं। उनकी दोबारा हुई नियुक्ति पर भी जमकर बबाल मचा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें भाजपा का एजेंट बताते हुए उनके पुतले तक फूंके, विरोध किया। पिछले दिनों रेहटी में हुई कांग्रेस की बैठक में भी उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताई गई। इसके बाद भी वे अपनी कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर नहीं है। बुदनी विधानसभा को लेकर कांग्रेस के आलाकमान गंभीर है, वे यहां पर मुकाबले के लिए कोई बेहतर छवि वाले नेता को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है, लेकिन जिला कांग्रेस कमेटी चुनावी तैयारियों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है।
भाजपा से मुकाबला, लेकिन नहीं हो सकी संगठनात्मक नियुक्तियां-
कांग्रेस का सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से है। भाजपा संगठनात्मक रूप से बेहद मजबूत है तो वहीं कांग्रेस अब तक सीहोर जिले में अपनी संगठनात्मक नियुक्तियां ही नहीं कर सकी है। सीहोर जिले में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्तियां होनी है। हालांकि ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्तियां ऊपर से होती है, लेकिन मंडलम् एवं सेक्टर प्रभारियों सहित जिले में संगठन का ढांचा जिला कांग्रेस कमेटी को बनाना है, लेकिन ज्यादातर जगह अब तक ये नियुक्तियां भी नहीं हो सकी है। भाजपा लगातार चुनावी तैयारियों को अंजाम देने में जुटी हुई है तो वहीं कांग्रेस अब तक अपने भीतरघात एवं आपसी विरोध से ही नहीं उबर पा रही है। ऐसे में चुनाव में कांग्रेस भाजपा को क्या टक्कर दे पाएगी, ये सवाल भी उठना लाजिमी है।
उठने लगी है युवा नेतृत्व की मांग-
सीहोर जिले में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए अब युवा नेतृत्व को लेकर भी मांग उठने लगी है। जिलाध्यक्ष सहित ब्लॉकों में अध्यक्षों की नियुक्तियों में युवाओं को नेतृत्व मिलना चाहिए। कांग्रेस नेता भी इसके पक्षधर हैं और वे भी चाहते हैं कि अब जिलाध्यक्ष किसी युवा को बनाना चाहिए, ताकि वह एक्टिव रूप से कांग्रेस को मजबूती दे सके।

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