जनजातीय वर्गों का सामाजिक और आर्थिक विकास केंद्र शासन की प्राथमिकता – केंद्रीय जनजातीय राज्य मंत्री टुडू
भोपाल
जनजातीय वर्गों के परम्परागत कौशल को समाज के सामने उत्पादों के रूप में लाकर उन्हें आर्थिक संबल देने के साथ ही समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के कार्य को अवसर के रूप में लें। केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू शनिवार को विभागीय अधिकारियों से यह अपेक्षा की। केन्द्रीय राज्य मंत्री विशेष पिछड़ी जातियों के कल्याण कार्यक्रमों की मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश की जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री सुमीना सिंह तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री टुडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनजातीय वर्गों के कल्याण और विकास को लेकर गम्भीर हैं। इन वर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए माहौल बनाये और शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर फोकस करें। उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक अपने जनजातीय भाइयों के प्रोडक्ट को हाथों-हाथ लेता है, लेकिन उचित प्रशिक्षण और जन-जागरूकता के अभाव में उत्पाद आम-जन तक नहीं पहुँच पाते और उत्पादों को परिष्कृत भी नहीं किया जाता है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री टुडू ने ट्रायफेड को और सशक्त बनाने के साथ ही बंधन केंद्रों को भी मजबूत बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जनजातियों से वनोपज खरीद के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये हैं। अत: सुनिश्चित किया जाए कि जनजातीय वर्ग से वनोपज व्यापारियों द्वारा कम दाम पर न खरीदी जाएँ। उन्होंने कहा कि ट्रायफेड और बंधन केंद्रों में 80 फीसदी कर्मी जनजाति वर्ग के ही हों और इनके स्व-सहायता समूह को सशक्त बनाने के लिए शासन की संस्थाओं से भरपूर वित्तीय मदद दिलवाई जाए।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने एकलव्य आवासीय विद्यालयों के संचालन की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि कोई भी विद्यालय ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी और खेल मैदान के बिना नहीं रहना चाहिए। उन्होंने भोजन और यूनिफॉर्म की धनराशि में बढ़ोत्तरी करने के लिए परीक्षण करवाने के लिए कहा। उन्होंने कन्या विद्यालय और आश्रम शालाओं की जानकारी भी ली। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के सभी आवासीय विद्यालय में ऑडिटोरियम का निर्माण चल रहा है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री टुडू ने निर्देश दिए कि एकलव्य विद्यालय से निकलने के बाद बच्चों द्वारा हासिल की गई विभिन्न उपलब्धियों के साथ ही उनके उच्च शिक्षण की स्थिति और रोजगार पर सतत ध्यान दें और इसका डाटा भी तैयार किया जाए। उन्होंने ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों और उत्पादों के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ सक्सेज स्टोरी भी समाज में प्रसारित करने की जरूरत बताई।
केन्द्रीय राज्य मंत्री टुडू ने केंद्रीय योजनाओं में प्राप्त बजट से किये गए कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि समय पर उपयोगिता प्रमाण-पत्र भेजने की आदत डालें, जिससे केंद्र सरकार आगे भी बजट उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि तय किया गया है कि उपयोगिता प्रमाण-पत्र के बिना बजट नहीं दिया जायेगा।
प्रदेश की जनजातीय कार्य मंत्री सुसिंह ने केंद्रीय राज्य मंत्री टुडू का पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया और जनजातीय परिवेश पर केंद्रित गोंड शैली का चित्र भी भेंट किया।