भोपालमध्य प्रदेश

युवा वंचित के जीवन में खुशहाली लाने का दायित्व ग्रहण करें : राज्यपाल पटेल

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने युवाओं से अपील की है कि गरीब और वंचित वर्ग के विकास केप्रयासों को उन तक पहुँचाने, उनके जीवन में खुशहाली लाने का दायित्व ग्रहण करें। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन तक पहुँचाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि दीक्षांत दीक्षा का अंत है शिक्षा का नहीं इसलिये जीवन में सदैव ज्ञान प्राप्त करते रहें।

राज्यपाल पटेल सिम्बॉयोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेस इंदौर के तीसरे दीक्षांत समारोह को आभासी माध्यम से आज राजभवन भोपाल से संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय सनातन संस्कृति की मूल भावनाओं, भविष्य की चुनौतियों के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई है। सबका विश्वास, साथ और प्रयास से सबके विकास के कार्य किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा को बंधन मुक्त बनाया है। युवाओं के हौसलों को उन्नति के अपार अवसर दिए हैं। उन्हें सपनों को साकार करने में सक्षम बनाया है। राज्यपाल पटेल ने कहा कि समय और शिक्षा ही व्यक्ति को सफल बनाती है। आज का समय आत्म-निर्भर, समृद्ध, समर्थ और सशक्त नए भारत के निर्माण का है। अत: युवा नौकरी माँगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें, आत्म-निर्भर, समर्थ और समृद्ध नए भारत के निर्माण में योगदान दें।

राज्यपाल पटेल के कहा कि दीक्षांत समारोह जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह वह टर्निंग प्वाइंट है, जिससे आत्म-निर्भर जीवन, समाज और राष्ट्र के निर्माण में योगदान का नया अध्याय खुलेगा। इसके पन्नों पर दर्ज आपकी निष्ठा और सेवा समाज में आपकी पहचान होगी। जीवन के इस पड़ाव तक आपके पहुँचने में आपके मित्रों, परिजनों एवं शिक्षकों का भी बड़ा योगदान है। इस सुअवसर पर उन्हें धन्यवाद देना पर्याप्त नहीं है। याद रखें कि भावी जीवन में जो भी सफलता आप अर्जित करेंगे, उसमें उनका भी योगदान है। उन्होंने कहा कि जीवन परिवर्तनशील है। यहाँ उलझना भी पड़ेगा फिर सुलझना भी पड़ेगा। बिखरना भी पड़ेगा फिर निखरना भी पड़ेगा। निश्चय और संकल्प के साथ लगे रहने पर सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि हम प्रयास करना छोड़ देते है। सफलता का एक ही रास्ता है कि एक बार और प्रयास किया जाए।

डॉ. एस.बी. मजूमदार ने कहा कि कोविड का जीवन के सभी क्षेत्रों में विनाशक प्रभाव पड़ा है, किन्तु हर आपदा में जीवन की सीख होती है। कोविड ने पारिवारिक मूल्यों के संरक्षण, स्वास्थ और रोग प्रतिरोधक संचेतना, जीवनशैली और जीवन की महत्ता को बताया है। मानवता को समझाया है कि उत्तरजीविता तभी हो सकती है, जब कि हमारा परिवार, समाज, देश और विश्व सुरक्षित हो। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में धन ही सब कुछ नहीं है। नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए कैरियर और करेक्टर का विकास करें। समाज का नेतृत्व ग्रहण करें। उन्होंने कहा कि नेतृत्व के लिये अकेले प्रयास करने का आत्मविश्वास, कठोर निर्णय लेने की क्षमता और हर हाल में जरूरतमंद की समय पर सेवा के गुण होना जरूरी है। डॉ. स्वाति मजूमदार ने विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि यह देश का पहला कौशल उन्नयन विश्वविद्यालय है, जहाँ के पाठ्यक्रम का 70 प्रतिशत व्यवहारिक प्रशिक्षण पर आधारित है। विद्यार्थियों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिये आत्म-निर्भर अवार्ड भी दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने सफाई कर्मियों की संतानों के लिये कौशल उन्नयन करने का आपसी सहमति ज्ञाप नगर निगम इंदौर के साथ किया है।

कुलपति डॉ. चारूदत्त पाठक ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. नेहा गुप्ता ने किया। आभार प्रदर्शन कुल सचिव विशाल चौधरी ने किया। समारोह में मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ.भरत शरण सिंह भी मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button