जबलपुरमध्य प्रदेश

कोर्ट के मंदिर में शादी पैसे और जेवर लेकर दुल्हन भागी,लुटेरी गैंग पुलिस के हत्थे

जबलपुर
जबलपुर में लुटेरी दुल्हन और उसकी गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ी है। गिरोह के 3 सदस्यों को ओमती पुलिस ने हिरासत में लिया है, वहीं एक आरोपी की तलाश जारी है। रेनू पटेल ने खुद को अनाथ बताकर दशरथ पटेल से कोर्ट कैम्पस के शिव मंदिर में ब्याह रचाया। जब दूल्हा दशरथ बाइक से नई दुल्हन को घर ले जा रहा था, तो रास्ते में वह बोली कि मुझे बैठने में दिक्कत हो रही है। दशरथ ने जैसे ही बाइक रोकी, इतने में वो पीछे से आ रहे अपने प्रेमी भागचंद की बाइक पर बैठकर उसके साथ फरार हो गई। महिला गहने और कैश भी साथ ले गई।

ओमती थाना इंचार्ज SPS बघेल के मुताबिक भीमगढ़ छपरा सिवनी निवासी दशरथ पटेल की शादी जबलपुर में धनवंतरी नगर निवासी रेनू अहिरवार उर्फ रेनू पटेल से तय हुई थी। रेनू का रिश्ता उसके कथित चाचा अमर सिंह पटेल निवासी संजीवनी नगर और मौसी अर्चना बर्मन निवासी नेहरू नगर मेडिकल कॉलेज गढ़ा ने मिलकर कराया था। ठगों ने रेनू को अनाथ बताया था। दशरथ से कहा कि उन्होंने ही रेनू को बचपन से पाला-पोसा है। दशरथ सिवनी में स्कूल बस ड्राइविंग के साथ खेती करता है। जबलपुर ग्वारीघाट निवासी उसके चाचा जागेश्वर पटेल ने इस रिश्ते की बात अमर सिंह पटेल से चलाई थी।

यह है मामला: ओमती पुलिस ने बताया कि लालबाग वार्ड क्रमांक-11 छिंदवाड़ा निवासी दशरथ पटेल राधाकृष्ण वार्ड भानतलैया दमोहनाका निवासी रेनू राजपूत के साथ जिला न्यायालय में शादी करने पहुंचा। दोनों की शादी में रेनू की मौसी मध्यस्थ थी। दोनों अपने स्वजन के साथ मंगलवार को न्यायालय पहुंचे। जहां रेनू ने शर्त रख दी कि वह कोर्ट परिसर स्थित मंदिर में शादी करेगी। जिसके बाद अनुबंध पत्र के आधार पर दोनों ने मंदिर में शादी की।

समस्या बताकर उतरी और भागी: विवाह उपरांत दशरथ नवविवाहिता रेनू को लेकर घर के लिए रवाना हुआ। वह जिला न्यायालय के बाहर सड़क तक पहुंचा था। तभी रेनू ने कहा कि उसे गाड़ी में बैठने में तकलीफ हो रही है। उसने दशरथ से गाड़ी रोकने के लिए कहा। दशरथ ने जैसे ही गाड़ी रोकी रेनू उससे उतर गई। जिसके बाद पीछे से पहुंची एक अन्य गाड़ी पर सवार होकर वह भाग गई।

35 हजार में हुआ था सौदा: दशरथ ने बताया कि मध्यस्थ मौसी ने 35 हजार रुपये में शादी तय कराई थी। विवाह से पहले ही उसने रेनू को 35 हजार नकद, सोने का मंगलसूत्र, साड़ी व अन्य कपड़े तथा चूड़ी आदि दिए थे। कोर्ट के मंदिर में शादी रचाने के बाद वह धोखा देकर भाग गई। दशरथ ने आरोप लगाया कि रेनू पहले भी इस तरह की घटनाएं कर चुकी है। लोगों से शादी करने के बाद वह भाग जाती है। उसने रेनू की मौसी पर मिलीभगत का आरोप लगाया।

खूबसूरती के जाल में फंसाया
31 जनवरी को रेनू और अमर ने कहा कि शादी, मंदिर की बजाय कोर्ट में होगी। रेनू की खूबसूरती पर दशरथ पटेल फिदा हो चुका था। वह उसकी शर्त के अनुसार शादी को तैयार हो गया। उसने भी कोर्ट मैरिज की हामी भर दी। तय समय के अनुसार मंगलवार की दोपहर 3 बजे रेनू अपनी कथित मौसी अर्चना पटेल उर्फ अर्चना बर्मन, कथित चाचा अमर सिंह पटेल के साथ दशरथ को जबलपुर जिला कोर्ट परिसर में मिली।

महिला वकील भी मिली हुई थी
आपसी बातचीत के बाद सभी लोग तय समय पर कोर्ट परिसर में एक महिला वकील के पास पहुंच गए। दशरथ के साथ उसके चाचा जागेश्वर और चाची सुनीता के अलावा कुछ रिश्तेदार भी थे। महिला वकील ने स्टांप और नोटरी के एवज में 6 हजार रुपए लिए। इसके अलावा दशरथ ने दुल्हन बनी रेनु को 25 हजार रुपए का मंगलसूत्र और 10 हजार रुपए के दूसरे जेवर दिए। अमर को भी 35 हजार रुपए दिए। लेकिन महिला वकील ने कोर्ट की बजाय दोनों की शादी अनुबंध पर शिव मंदिर के सामने करा दी।

सबसे पहले पकड़ में आई फर्जी मौसी
दुल्हन के भागने के बाद पीड़ित परिवार ने लुटेरी दुल्हन की कथित मौसी अर्चना को पकड़कर शोर मचाया, तो वकील भी वहां पहुंच गए। इसके बाद वे उसे पकड़कर ओमती थाने ले आए। वहां पूछताछ में पता चला कि अर्चना पटेल का असली नाम अर्चना बर्मन है, वहीं रेनू पटेल का नाम रेनू अहिरवार है। पूछताछ के आधार पर कुछ देर बाद ओमती पुलिस ने रेनू पटेल को भी हिरासत में ले लिया। देर रात उसके प्रेमी भागचंद कोरी को भी गिरफ्तार कर लिया। फरार आरोपी अमर सिंह की तलाश जारी है। 35 हजार रुपए उसी के पास होने की बात सामने आई है।

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