सीहोर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर दिए गए निर्णय से और भी ज्यादा असमंजस की स्थिति बन गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए हैं कि पंचायत चुनावों को ओबीसी आरक्षण के दायरे में नहीं कराया जाए। इस निर्णय के बाद चुनावों की तैयारियों में लगे उम्मीदवारों की परेशानियां और ज्यादा बढ़ गई है। अब वे क्या करें कि स्थिति में फंस गए हैं। ये स्थिति 3 जनवरी के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनावी मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र तो ले लिए हैं, लेकिन अब तक ज्यादातर लोगों ने अपने नामांकन पत्र जमा नहीं कराए हैैं। दरअसल सभी को न्यायालय के निर्देश का इंतजार है। इस बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में ओेबीसी आरक्षण को नहीं अपनाया जाए। इसके बाद सरकार एवं राज्य निर्वाचन आयोग की परेशानियां भी बढ़ गई हैं।
आरक्षण पर असमंजस-
दरअसल वर्तमान में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत है। कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। जबकि 2014 की आरक्षण प्रक्रिया में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत था। इसी को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं थीं। इन याचिकाओं को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई। बाद में हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोेर्ट में चुनौती दी गई।