भोपालमध्य प्रदेश

विवेक तंखा ने CM शिवराज, प्रदेश अध्यक्ष शर्मा को भेजा मानहानि नोटिस, कहा होगी कानूनी कार्रवाई

भोपाल
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरम हो गया है. ओबीसी आरक्षण पर छिड़ी सियासत के बीच कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने मुख्यमंत्री शिवराज, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी और मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ का नोटिस भेजा है. सीनियर एडवोकेट विवेक तंखा ने ट्वीट किया- ‘अगर 3 दिन के अंदर स्थिति स्पष्ट नहीं करते तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. कोर्ट कार्रवाई के संबंध में झूठ बोलना, असत्य के आधार पर झूठी मुहिम जघन्य अपराध है. मेरी चुनौती है कि वह मुझे झूठा सिद्ध करें, खुद को सच्चा. देश बीजेपी की ट्रोल आर्मी के झूठ से तंग आ चुका है. झूठे  दुष्प्रचार के असहनीय होने के कारण यह कदम उठाया है.’

विवेक तंखा ने ये नोटिस अपने अधिवक्ता शशांक शेखर के जरिए भेजा. इस नोटिस पर बीजेपी भी जवाबी हमले के लिए तैयार हो गई है. बीजेपी ओबीसी नेता और शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विवेक तंखा के मानहानि के नोटिस पर बड़ा बयान दिया. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए फांसी पर भी लटकना हो तो लटकने के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा है कि प्रदेश की 52 फीसदी आबादी के हक की लड़ाई जारी रहेगी. यही ओबीसी आबादी कांग्रेस के नोटिस का जवाब देने के लिए तैयार है. बीजेपी तथ्यों के आधार पर ही बयान दे रही है. कांग्रेस यदि ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण का समर्थन करती है तो उसे कोर्ट में अपना पक्ष रखना चाहिए.

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के मानहानि के नोटिस का सरकार जवाब देगी. उन्होंने कांग्रेस को ओबीसी विरोधी बताया. विधानसभा में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की विपक्ष की मांग पर गृहमंत्री ने कहा कि विधानसभा में चर्चा के लिए सत्तापक्ष पूरी तरह तैयार है. नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की तरफ से कोई सूचना नहीं आई है. सरकार हर तरह के मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है.

दरअसल प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को लेकर प्रदेश में सियासी बवाल मच गया है. कोर्ट ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को खत्म कर सामान्य तौर पर चुनाव कराए जाने के निर्देश दिए हैं. उसके बाद राज्य सरकार ने ओबीसी सीटों पर पंचायत के चुनाव पर रोक लगा दी है. लेकिन ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर अब सियासी दलों के बीच बयानों का दौर तेज हो गया है. 20 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गर्म रहने के पूरे आसार हैं.

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