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विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति… लालकिले से पीएम नरेंद्र मोदी ने दिलाए 5 प्रण, 25 सालों का दिया टारगेट

 नई दिल्ली
 
पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक मौके पर लाल किले से देश को 5 प्रण दिलाए हैं। उन्होंने कहा कि अगले 25 सालों में जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब तक हमें इन संकल्पों को पूरा करना है। उन्हों कहा, 'मुझे लगता है कि आने वाले 25 सालों के लिए हमें अपने संकल्पों को 5 आधारों पर केंद्रित करना होगा। हमें उन पंच प्रण को लेकर 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे तो आजादी के दीवानों के सपनों को पूरा करना होगा।'

पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि हमें 5 बड़े संकल्प लेकर चलना होगा। इनमें से एक संकल्प होगा, विकसित भारत।  दूसरा यह कि किसी भी कोने में गुलामी का अंश न रह जाए। अब हमें शत-प्रतिशत उन गुलामी के विचारों से पार पाना है, जिसने हमें जकड़कर रखा है। हमें गुलामी की छोटी से छोटी चीज भी नजर आती है तो हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी। उन्होंने कहा कि कब तक दुनिया हमें सर्टिफिकेट देती रहेगी। क्या हम अपने मानक नहीं बनाएंगे। हमें किसी भी हालत में औरों के जैसा दिखने की कोशिश करने की जरूरत नहीं है। हम जैसे भी हैं, वैसे ही सामर्थ्य के साथ खड़े होंगे। यह हमारी मिजाज है।

विरासत पर गर्व करने की भी दी सीख, बताया- क्यों है जरूरी

उन्होंने कहा कि तीसरी प्रण शक्ति यह है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही विरासत है, जिसने कभी भारत को स्वर्णिम काल दिया था। यही विरासत है, जो काल बाह्य छोड़ती रही है और नूतन को स्वीकारती रही है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी विरासत में ही पर्यावरण जैसी जटिल समस्या का समाधान रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति वह है, जो जीव में शिव देखती है और कंकर में शंकर देखती है। हमारी यह परंपरा ही बताती है कि कैसे पर्यावरण के साथ रहा जा सकता है।

जानिए क्या है पीएम मोदी का दिलाया चौथा प्रण

उन्होंने कहा कि चौथा प्रण यह है कि देश में एकता रहे और एकजुटता रहे। देश के 130 करोड़ देशवासियों में एकता रहे। यह हमारा चौथा प्रण है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें हर किसी का सम्मान करना होगा। श्रम को अच्छे नजरिए से देखना होगा और श्रमिकों का सम्मान करना होगा।

बताया कैसा होना चाहिए देश के नागरिक का व्यवहार

पीएम ने कहा कि 5वां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य। इससे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह देश तभी आगे बढ़ सकता है, जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि सरकार का कर्तव्य है कि वह हर समय बिजली की सप्लाई दे तो यह नागरिक का कर्तव्य है कि वह कम से कम यूनिट खर्च करे। यदि सरकार सिंचाई के लिए पानी दे तो नागरिक का कर्तव्य है कि वह पानी की ज्यादा से ज्यादा बचत करे।

महिला के सम्मान का भी दिलाया संकल्प, कहा- गलत बातें न करें

इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने नारी का सम्मान करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी बोलचाल में कुछ विकृति आई है। हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं? नारी का सम्मान करना देश की प्रगति के लिए बहुत जरूरी है और हमें ऐसे शब्दों का त्याग करना चाहिए, जिससे महिलाओं का अपमान होता हो।

 

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