देश

10 साल पहले अर्पिता-पार्थ ने खरीदा था फॉर्महाउस, दोनों की फर्जी कंपनियों पर ईडी का शिकंजा

कोलकाता
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की एक और जुगलबंदी सामने आई है। इसके मुताबिक इन दोनों ने शांतिनिकेतन में प्रॉपर्टी के संयुक्त रूप से मालिक हैं। जानकारी के मुताबिक यह फॉर्महाउस 2012 में खरीदा गया था। इससे पहले दिन में ईडी ने टीएमसी के निलंबित नेता पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कम से कम तीन बैंक खातों को फ्रीज करने का प्रॉसेस शुरू कर दिया था। इन खातों में जांच एजेंसी को कम से कम दो करोड़ रुपये मिले हैं। एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

फॉर्महाउस का बदला गया था नाम
अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी ने यह फॉर्महाउस 10 साल पहले खरीदा था। आज तक के मुताबिक इस संबंध में जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उससे साबित होता है कि फॉर्महाउस को खरीदने के बाद इसका नाम भी बदला गया था। दोनों ने इसका नाम बदलकर अ-पा रखा था। इसका मतलब अर्पिता-पार्थ के रूप में निकाला जा रहा है। वहीं ईडी के अधिकारियों के मुताबिक मुखर्जी की कई फर्जी कंपनियों के बैंक खाते भी ईडी की जांच के दायरे में हैं। अधिकारी ने बताया कि मुखर्जी के तीन बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इन खातों में कुल करीब दो करोड़ रुपये मिले हैं। हमें संदेह है कि इन खातों का इस्तेमाल कई लेन-देन करने के लिए किया गया था और आगे की जांच की जा रही है।  

फ्रीज करने का फैसला अभी बाकी
अधिकारी ने खातों से प्राप्त रकम की जानकारी न देते हुए कहा कि फर्जी कंपनियों के बैंक खातों को फ्रीज करने का फैसला करना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि हमने संबंधित अधिकारियों से इन बैंक खातों का ब्योरा मांगा है। खातों की जांच करने के बाद हम आगे की कार्रवाई के बारे में कोई भी फैसला करेंगे। ईडी ने बताया कि मुखर्जी से यह जानने के लिए पूछताछ जारी रहेगी कि क्या उनके पास और बैंक खाते हैं। सूत्रों के अनुसार, चटर्जी के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। सूत्रों ने यह भी बताया कि मुखर्जी और चटर्जी दोनों से सुबह से पूछताछ चल रही है। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से ईडी ने भारी मात्रा में आभूषण और विदेशी मुद्रा के अलावा 50 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। दोनों तीन अगस्त तक केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में रहेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button