इस साल 5.2 करोड़ नौकरियां कम होंगी, 2.1 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार रहेंगे
नई दिल्ली।
कोविड संक्रमण के कारण वर्ष 2022 में भी बेरोजगारी ज्यादा रहेगी। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस साल कामकाजी घंटों में महामारी से पहले के मुकाबले दो फीसदी की कमी रहेगी। यह 5.2 करोड़ पूर्णकालिक रोजगार के बराबर होगा। आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में बेरोजगार लोगों का आंकड़ा 20.7 करोड़ तक पहुंच सकता है। यह वर्ष 2019 से 2.1 करोड़ ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023 तक वैश्विक बेरोजगारी का आंकड़ा महामारी के पहले के स्तर से अधिक बना रह सकता है। आईएलओ के महानिदेशक गाई राइडर का कहना है कि कोविड संकट के दो वर्ष बीतने के बाद भी स्थितियां नाजुक हैं। उन्होंने कहा कि पुनर्बहाली का रास्ता धीमा और अनिश्चितताओं से भरा है। अनेक कामगारों को नए प्रकार के कामकाज की तरफ मुड़ना पड़ रहा है।
श्रम बल में 1.2 फीसदी कमी का अनुमान
रिपोर्ट में चेताया गया है कि रोजगार पर कुल असर अनुमानित आंकड़ों से ज्यादा हो सकता है। इसका कारण है कि बड़ी संख्या में लोगों ने श्रम बल छोड़ दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में श्रम बल की भागीदारी 2019 की तुलना में 1.2 फीसदी कम रह सकती है। इसके लिए कोरोनो के डेल्टा और ओमिक्रोन जैसे वैरिएंट के उभार को जिम्मेदार ठहराया गया है।
इस तरह होती है गणना
आईएलओ रोजगार में कमी या बढ़ोतरी की गणना काम के घंटों के आधार पर करती है। यह संगठन एक सप्ताह में 48 घंटे के काम के मानक के आधार पर रोजगार की गणना करता है।
कमजोर हो रहा है आर्थिक-सामाजिक तानाबाना
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के कारण लगभग हर देश में आर्थिक, वित्तीय और सामाजिक तानाबाना कमजोर हो रहा है। इस नुकसान की भरपाई में कई वर्षों का समय लग सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च आय देशों में पुनर्बहाली मजबूत है, जबकि निम्न-मध्य आय वाली अर्थव्यवस्थाएं खराब हालातों का सामना कर रही हैं।