किसानों के बीच पैठ मजबूत करने को कर्नाटक वाला फॉर्मूला अपनाएगी BJP, मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व किसानों के बीच अपनी पैठ मजबूत बनाने के लिए कर्नाटक फॉर्मूले को पार्टी द्वारा शासित अन्य प्रदेशों में भी लागू कर सकता है। भाजपा शासित कर्नाटक सरकार ने किसानों के बच्चों को छात्रवृत्ति देने की योजना शुरू की है। हाल के किसान आंदोलन और उसके बाद की परिस्थितियों में किसानों के बीच अपनी छवि और पैठ मजबूत करने के लिए इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हाल में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में खुद मोदी ने इस फैसले की सराहना की। इसे अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया। मालूम हो कि बासवराज बोम्मई ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के त्यागपत्र के बाद नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले ही फैसले को किसानों के लिए समर्पित किया था।
मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की इस पहल के पीछे उनकी समाजवादी पृष्ठभूमि का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बासवराज बोम्मई के पिता एसआर बोम्मई कर्नाटक के मुख्यमंत्री के साथ जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके समय भी किसानों को लेकर काफी काम किए गए थे। अब उनके बेटे बासवराज ने भी भाजपा के साथ इसी काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
बासवराज ने यह फैसला उस समय लिया, जबकि देश में किसान आंदोलन का जोर था। भाजपा को किसानों के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की जरूरत थी। इस तरह कर्नाटक ऐसा पहला राज्य बना जिसने किसानों के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देने की अनूठी पहल की। अब भाजपा नेतृत्व इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की तैयारी में है।
भावी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण कदम
भाजपा की भावी रणनीति के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। क्योंकि, इसके जरिये वह देशभर के किसानों को तो संदेश देगी ही, साथ में दक्षिण भारत के लिए भी एक नई तैयारी करेगी। दक्षिण भारत में भाजपा कर्नाटक के बाहर कभी भी कमजोर है। इन राज्यों में उसे किसानों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए इससे एक बड़ा आधार मिलेगा। अभी दक्षिण भारत के किसानों में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व है। ऐसे में भाजपा की यह पहल उसके लिए मददगार हो सकती है।