‘इंडोर प्लान’ से OBC वोटर्स को जोड़ेगी BJP, सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में उतरेगी टीम
नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश की आबादी में करीब 45 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वोटर्स के हाथ यूपी की सत्ता की चाबी है। स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई ओबीसी नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया तो अब भगवा दल ने पिछड़ा वर्ग से 60 फीसदी से अधिक प्रत्याशी उतार दिए। अब पार्टी ने ओबीसी वोटर्स को जोड़ने के लिए एक और प्लान तैयार किया है।
चुनाव आयोग की ओर से 500 लोगों की मौजूदगी में इंडोर मीटिंग की इजाजत दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी मोर्चा ने उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है। बीजेपी ओबीसी मोर्चा ने घोषणा की है कि वह 300-300 लोगों के साथ हर विधानसभा क्षेत्र में बैठकों का आयोजन किया जाएगा। एएनआई से बातचीत करते हुए ओबीसी मोर्चा के प्रमुख लक्ष्मण ने कहा, ''हमने यूपी में मोर्चा की टीम बनाई है। हमने फैसला लिया है कि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का पालन करते हुए हम हर विधानसभा क्षेत्र में डोर टु डोर कैंपेन करेंगे।'' केंद्र और राज्य सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए लक्ष्मण ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लिए किसी और सरकार ने कभी ऐसा काम नहीं किया जिस तरह मोदी-योगी ने किया है।
ओबीसी नेता ने कहा, ''पिछड़े वर्गों के लिए मोदी और योगी सरकार में जितना काम हुआ है, उतना शायद ही हुआ हो। हम लोगों के बीच उन काम के आधार पर जाएंगे, जो हमने उनके लिए किए हैं और इनसे दोबारा डबल इंजन की सरकार चुनने की अपील करेंगे। लक्ष्मण ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके कार्यकाल में कुछ परिवारों का ही विकास हुआ। उन्होंने कहा, ''उनकी सरकार में पिछड़ों के नाम पर कुछ ही परिवार के सदस्यों का भला हुआ।''
स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई नेताओं के बीजेपी छोड़ने पर उन्होंने कहा, ''वे अपने परिवारों के लिए टिकट चाहते थे। यह बीजेपी में नहीं चलने वाला है। यह केवल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में संभव है। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ी।'' 403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होगा। 10, 14, 20, 23, 27 फरवरी और 3, 7 मार्च को वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे।