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21 हजार करोड़ के बैंक घोटालों की जांच नहीं कर पा रही सीबीआई, राज्यों ने बांधे हाथ

 नई दिल्ली

सीबीआई के पास नौ राज्यों की कम से कम 173 मामलों की जांच पेंडिंग हैं। राज्यों की इजाजत के बिना सीबीआई किसी भी नए मामले की जांच नहीं शुरू कर सकती। केवल महाराष्ट्र में 132 मामलों की जांच सीबीआई नहीं कर पा रही है। यहां महाविकास अघाड़ी सरकार ने दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट के सेक्शन 6 के तहत आम सहमति वापस ले ली है। इसी तरह कई अन्य गैरभाजपा शासित राज्यों ने भी सीबीआई के हाथ बांध दिए हैं।

भाजपा सांसद सुशील मोदी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पंजाब में 16, छत्तीसगढ़ में 8, झारखंड  में 7, पश्चिम बंगाल में 6 और राजस्थान, केरल में दो-दो रिक्वेस्ट पेंडिंग हैं। इस मामले में सबसे आगे महाराष्ट्र ही है। इन सभी राज्यों के साथ मेघालय और मिजोरम ने भी 2015 में ही सीबीआई जांच की आम सहमति वापस ले ली थी। इसके बाद कोई भी नया केस हाथ में लेने से पहले सीबीआई को राज्यों से अनुमति लेनी पड़ती है। राज्यों की सरकारों का कहना था कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल उनके खिलाफ कर रही है।

जितेंद्र सिंह ने संसद में जानकारी दी कि 173 पेंडिंग मामलों में से 128 मामले बैंक घोटालों के हैं। राज्यों की मंजूरी के अभाव में 21074 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले सीबीआई जांच के दायरे में नहीं आ पा  रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल महाराष्ट्र में 101 बैंक फ्रॉड के मामले पेंडिंग हैं। पिछले महीने सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने भी कहा था कि राज्यों द्वारा आम सहमति वापस लिए जाने की वजह से कम से कम 100 हाई वैल्यू बैंक घाटलों का केस नहीं दर्ज किया जा सका है। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने भी पिछले साल नवंबर में इस मामले को लेकर चिंता जताई थी। 

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