चीन को लद्दाख में जारी गतिरोध से हुआ अधिक नुकसान
नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव जारी है। लद्दाख में 20 महीने से अधिक से गतिरोध बना हुआ है। इस दौरान हिंसक झड़पें भी हुए और दोनों पक्षों के सैनिक भी मारे गए हैं। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक किसी समझौते पर नहीं पहुंचा जा सका है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अक्साई चिन पर भारत का दावा कानूनी और ऐतिहासिक दोनों रूप से नेहद मजबूत है। लद्दाख में जारी गतिरोध से चीन को बेहद नुकसान हुआ है। यह बात अशोक कुमार ने दी प्रिंट से कही है। अशोक कारगिल वॉर वेटरन और डिफेंस एनालिस्ट हैं। आइए जानते हैं कि उन्होंने किस आधार पर यह कहा है कि लद्दाख में जारी गतिरोध से चीन को अधिक नुकसान हुआ है।
चीन को कई मोर्चे पर खतरा
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की नीतियों को देखते हुए भारत ने बॉर्डर पर अपनी पहुंच और सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर की है। इसका उदाहरण 1967 में नाथू ला, 1987 में सुमदोरोंग चू और डोकलाम में 2017 में साफ दिखा है। अशोक कुमार ने बताया है कि चीन को अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड में करीब दस गुना अधिक कर्मियों को जुटाना पड़ा है जहां भारत को तीन गुना कर्मियों को फ्रंटलाइन पर तैनात करना पड़ा है। उन्होंने बताया है कि चीन के लिए ताइवान एक बड़ा मसला है। चीन ताइवान को लेकर एक साइडशो करना चाहता था लेकिन भारत ने उस कदम को विफल कर दिया। भारत ने बॉर्डर सड़कों को जोड़ने के लिए तेजी से काम कर रहा है। ऐसे में चीन अब कई मोर्चे पर खतरे का सामना कर रहा है। अमेरिका और जापान तक ने ताइवान को हर संभव सैन्य समर्थन देने का वादा किया है।
भारत ने चीन के टेक सेक्टर को दिया है जोर का झटका
भारत ने जून 2020 में 59 चीनी सोशल मीडिया ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसमें लोकप्रिय ऐप टिकटॉक भी शामिल था। इसके बाद प्रतिबंधों का एक और दौर आया जब सितंबर में 118 और ऐप पर प्रतिबंध लगा दिए गए। इन प्रतिबंधों से चीनी कंपनियों को भारत के स्टार्टअप बाजार में आने को असंभव बना दिया है जो कि दुनिया के सबसे बड़े बाजार में से है। इसके साथ ही चीनी कंपनियों को 5G टेक्नोलॉजी के टेस्टिंग ट्रायल से दूर रखा गया। हुआवेई और जेडटीई जैसे कंपनियों ने आवेदन किया था लेकिन इनके आवेदन को साइड कर दिया गया। भारत ने दिसंबर 2021 से चीन के कई प्रोडक्ट्स पर एंटी डंपिंग चार्ज भी लगाया है।
एक साल में चीन ने तीन जनरल बदले
अशोक ने बताया है कि चीन ने एक साल के भीतर वेस्टर्न थिएटर का कमान संभाल रहे टॉप चीनी जनरलों को बदल दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दो जनरल की मौत लंबे वक्त तक ऊंचाई पर रहने वाले स्वास्थ्य दिक्कतों के कारण हुई है। चीन को पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को बनाए रखने में बहुत खर्च आ रहा है। जनवरी के पहले हफ्ते में भी ऐसी रिपोर्ट्स आई थी कि भारी सर्दी के कारण कुछ चीनी सैनिकों की कथित तौर पर मौत हो गई है। अशोक का कहना है कि चीनी सैनिक लद्दाख जैसे जगह में लड़ने के लिए तकनिकी तौर पर कुशल नहीं है। चीनी सैनिकों को वहां के मौसम से भी लड़ना पड़ता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन नेपाली और तिब्बती सैनिकों की भर्ती करने पर भी विचार कर रहे हैं। चीन को एक साथ ताइवान, शिनजियांग, जापान, अमेरिका और भारत पर फोकस करना पड़ रहा है। ऐसे में चीन लगातार कर्मचारियों को बढ़ा रहा है। ऐसे में साफ है कि भारत के साथ उलझने से चीन को बहुत नुकसान हुआ है।