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असंतुष्ट नेताओं से दूरी कम करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस, सोनिया गांधी ने खुद संभाला मोर्चा

नई दिल्ली।
कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी खत्म हो सकती है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद असंतुष्ट नेताओं की एक के बाद एक बैठक और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से असंतुष्ट नेताओं की मुलाकात से इन अटकलों को बल मिला है। पार्टी असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी को दूर कर सामूहिक नेतृत्व की पहल कर सकती है। होली के त्यौहार पर रंगों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। करीब डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व और असंतुष्ट नेता किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं। आजाद से एक दिन पहले वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी राहुल गांधी से मुलाकात की थी। हुड्डा भी असंतुष्ट नेताओं में शामिल हैं।

पार्टी सूत्रों का मुताबिक, असंतुष्ट नेता लगातार सामूहिक नेतृत्व की मांग उठा रहे हैं। आजाद के घर पर हुई असंतुष्ट नेताओं की बैठक के बाद भी जो बयान जारी किया गया था, उसमें सामूहिक नेतृत्व की बात कहीं कई थी। ऐसे में अहम मुद्दों पर पार्टी अध्यक्ष को राय देने के लिए कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं की एक समिति गठित कर सकती है। इस समिति में असंतुष्ट नेताओं को भी शामिल किया जा सकता है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मनाने के लिए पार्टी उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा या उनके किसी समर्थक को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है। हुड्डा और उनके समर्थक काफी दिनों से प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव डालते रहे हैं। ऐसी स्थिति मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा को राज्यसभा भेजा जा सकता है। विधायक दल का नेता कुलदीप विश्नोई बन सकते हैं।

 इसी तरह पार्टी आजाद को राज्यसभा भेजने पर विचार कर रही है। अगले कुछ माह में कई और राज्यों में राज्यसभा के चुनाव होने है। पार्टी इनमें से किसी एक राज्य से आजाद को उम्मीदवार बना सकती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए पार्टी फॉर्मूले पर अमल कर रही है। पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उम्मीद है कि विवाद को जल्द सुलझा लिया जाएगा।

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