दिल्ली में कोरोना का पीक 48 घंटों में आ सकता, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया ‘अलर्ट’
नई दिल्ली
कोरोना की तीसरी लहर के बीच अगले दो दिन के अंदर दिल्ली में कोरोना (COVID-19) मामलों के पीक पर पहुंचने की संभावना है। राजधानी में सोमवार को 19,000 से अधिक नए मामले सामने आए थे, जो रविवार के 22,751 से थोड़े कम थे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस सप्ताह राजधानी में कोरोना के केस पीक पर पहुंचने की संभावना है और उसके बाद मामलों में कमी आनी हो शुरू हो सकती है। यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली सरकार वीकेंड कर्फ्यू पर फिर से विचार करेगी, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीक पहले ही आ चुका है, या एक या दो दिन में आ जाएगा। यह (पीक) इस सप्ताह निश्चित रूप से होगा। इसके बाद मामलों में गिरावट शुरू होनी चाहिए, लेकिन यह संभव है कि हम एक और कर्फ्यू लागू कर सकते हैं, सिर्फ लोगों को यह याद दिलाने के लिए कि वे अपने सुरक्षा उपायों को कम न करें।
जैन ने कहा कि दिल्ली में टेस्ट कराने वाला हर चौथा शख्स कोविड-19 पॉजिटिव निकल रहा है। इसके साथ ही शहर में 17 मौतों की भी सूचना है। पॉजिटिविटी रेट सोमवार को 25 प्रतिशत था, जो पिछले साल 5 मई के बाद सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले आमतौर पर इसलिए अधिक होते हैं क्योंकि अधिकांश अंतरराष्ट्रीय उड़ानें यहां उतरती हैं। ओमिक्रॉन केवल इसी कारण से दिल्ली में तेजी से फैला है। हालांकि, इस बार एक अच्छा संकेत यह है कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बहुत कम है। हर दिन लगभग 20,000 मरीज मिलने के बावजूद, अस्पताल में केवल 2,000 बेड्स ही भरे हैं, जबकि कोविड मरीजों के लिए 12,000 बेड खाली हैं। पिछली लहर में जब दिल्ली में एक दिन में 20,000 मामले आ रहे थे, कम से कम 12,000-13,000 बेड भरे हुए थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब बेड पर भर्ती मरीजों की संख्या छह गुना कम है। ऐसा लगता है कि गंभीरता कम है। अस्पतालों में भर्ती 2,000 में से केवल 65 मरीज ही आईसीयू में हैं। दिल्ली में पिछले पांच महीनों में हुई कुल मौतों की तुलना में इस महीने के पहले 10 दिनों में अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि मरने वालों में से अधिकांश को गंभीर बीमारियां या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं थीं और उनका टीकाकरण नहीं हुआ था।