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क्रेन ड्राइवर बना हीरो, बचाई 50 से अधिक लोगों की जान

नई दिल्ली
दिल्ली में शुक्रवार को एक चार मंजिला इमारत में आग लग गई। लोगों का आरोप है कि दमकल की गाड़ियां घटना स्थल पर देर से पहुंचीं। हालांकि, एक क्रेन ड्राइवर दयानंद तिवारी ने 50 से अधिक लोगों की जान की रक्षा की, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। तिवारी ने क्रेन और स्थानीय लोगों की मदद से 50 से अधिक लोगों की जान बचाने में कामयाबी हासिल की। हालांकि, उन्हें इस बात का भी मलाल है कि वह और भी अधिक लोगों की जान नहीं बचा सका, क्योंकि भीषण आग तेजी से फैल गई थी।

उन्होंने कहा, "जब मैं मुंडका उद्योग नगर से आ रहा था तब मैंने इमारत में आग देखी। क्रेन की मदद से हमने 50 से अधिक लोगों को बचाया, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।'' तिवारी की मदद के लिए क्रेन का मालिक और एक सहायक भी था। तिवारी ने भीषण घटना को याद करते हुए कहा कि दमकल की गाड़ियां डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची थीं। उन्होंने कहा, "धीरे-धीरे आग बहुत फैल गई और हम दूसरों को नहीं बचा सके। हमारे क्रेन मालिक और सहायक भी बचाव अभियान के दौरान मौजूद थे। यह बहुत ही भयावह दृश्य था।"

मुंडका आग की घटना की जांच में दिल्ली पुलिस की मदद के लिए रविवार को फोरेंसिक साइंस की दो टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। घटनास्थल से पीड़ितों के जले हुए अवशेष भी मिले हैं। पुलिस ने कहा है कि मृतकों की पहचान के लिए फोरेंसिक डीएनए जांच की जाएगी।  एक आधिकारिक बयान में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की निदेशक दीपा वर्मा ने कहा, "वरिष्ठ विशेषज्ञों सहित हमारी दो टीमें वर्तमान में मौके पर काम कर रही हैं। वे अवशेषों की पहचान करेंगे और पहचान के उद्देश्य से नमूने उठाएंगे। एफएसएल के विशेषज्ञ मौके से नमूने की पहचान करने और उन्हें उठाने में पुलिस की सहायता करेंगे। बाद में जांच अधिकारी को सौंप दिया गया।"

आपको बता दें कि 13 मई को मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास आग की घटना में कुल 27 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पुलिस उपायुक्त (बाहरी जिला) समीर शर्मा के अनुसार कुल 50 लोगों को बचाया गया है। बरामद किए गए 27 शवों में से शनिवार दोपहर तक केवल सात की ही पहचान हो पाई है।

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