मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की मांग, उदयपुर हत्याकांड के दोषियों को मिले मौत की सजा
नई दिल्ली
उदयपुर में एक टेलर की हुई जघन्य हत्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भी नाराजगी जताई है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की मांग है कि इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए क्योंकि यह आरोपी किसी 'आतंकवादी और शैतान' से कम नहीं हैं। मंच ने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करना चाहिए और इस बर्बर अपराध के लिए फांसी दी जानी चाहिए। दरअसल, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के देशभर के सभी पदाधिकारियों, राष्ट्रीय संयोजकों, सह संयोजकों, सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों एवं प्रभारियों की एक ऑनलाइन बैठक में सभी ने इस हत्या की निंदा करते हुए सरकार से दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल और शाहिद अख्तर ने सभी से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि देश के सभी लोगों को धर्म, जात, समुदाय से ऊपर उठ कर नफरत को करारी शिकस्त देने के लिए काम करना है। मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि मजहब के नाम पर नासूर बन चुके लोगों का ऑपरेशन खात्मा होना चाहिए क्योंकि ऐसे असामाजिक तत्वों के कारण देश के मुसलमानों और इस्लाम को कटघरे में खड़ा होना पड़ता है। जबकि इस्लाम सलामती, भाईचारा और अमन का मजहब है। इतना ही नहीं बैठक में यह भी बताया गया देश के प्रधानमंत्री को जिस भाषा में धमकी दी गई है उसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता है और देश ऐसे गद्दारों को कठोर से कठोर सजा देने के पक्ष में है।
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उधर टेलर कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या के बाद चौतरफा इसकी आलोचना हो रही है। हत्या की जांच में अब तक जो खुलासे हुए हैं उसमें पाकिस्तान लिंक भी सामने आया है। घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपियों का कनेक्शन काराची बेस्ड सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से है। हालांकि इस मामले में पाकिस्तान की तरफ से बयान भी सामने आया और कहा है कि आरोप बेबुनियाद हैं। बता दें कि दोनों आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और केस को एनआईए के हवाले किया गया है। बता दें कि घटना को अंजाम देने के बाद उदयपुर से भागे आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने राजसमंद जिले में नाका लगाकर दबोचा। दोनों आरोपी अजमेर शरीफ दरगाह की ओर बढ़ रहे थे और वहां एक अन्य वीडियो शूट करने वाले थे। कन्हैया की हत्या के तुरंत बाद इन्होंने हमले और इसकी जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो वायरल कर दिए थे।