खुद नहीं पढ़ीं लेकिन बहनों को पढ़ाया, परिवार के लिए कर दी हर खुशी कुरबान
नई दिल्ली
अपने करोड़ों फैंस और शुभचिंतकों को पीछे छोड़कर लता मंगेशकर रविवार को इस दुनिया को अलविदा कह गईं। लता मंगेशकर के जाने के बाद उनके करोड़ों फैंस उन्हें याद कर रहे हैं और सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। लता मंगेशकर की प्रोफेशनल उपलब्धियां इतनी ज्यादा रही हैं कि उनकी निजी जिदंगी के बारे में लोग कम ही जानते हैं। क्या आपको पता है कि लता मंगेशकर का वास्तविक नाम हेमा हरिदकर था।
बचपन में ही छोड़कर चले गए थे पिता
लता मंगेशकर की निजी जिंदगी स्ट्रगल से भरी हुई थी। 28 सितंबर 1929 को जन्मी हेमा का स्वर कोकिला लता मंगेशकर बनने तक सफर आखिर कैसा था? चलिए जानते हैं। मंगेशी नाम के गांव में रहने वाली लता मंगेशकर उम्र में बहुत छोटी थीं जब उनके पिता का निधन हो गया। पिता के जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी लता मंगेशकर के कंधों पर आ गई।
खुद नहीं पढ़ीं लेकिन बहनों को पढ़ाया
परिवार की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर लता मंगेशकर ने खुद पढ़ाई नहीं की लेकिन अपनी छोटी बहनों को पढ़ाया। लता मंगेशकर स्कूल नहीं जाती थीं लेकिन वह घर में रहकर ही पढ़ाई किया करती थीं। क्योंकि लता अपने पिता के साथ मराठी संगीत नाटक में काम किया करती थीं इसलिए 14 साल की होने तक वह बड़े कार्यक्रमों और नाटकों में अभिनय करने लगीं।
लव मैरिज के चलते बहनों में आई दूरियां
1942 में जब लता मंगेशकर के परिवार की हालत सुधरनी शुरू हुई तो उनकी छोटी बहन आशा ने लव मैरिज की जिद पकड़ ली। इस बात पर दोनों में तनाव आ गया और कहते हैं कि दोनों के बीच दूरियां बढ़ गई थीं। आशा ने 1949 में गणपतराव भोंसले से शादी कर ली। लता मंगेशकर की अपने परिवार के प्रति सबसे बड़ी कुरबानी ये थी कि भाई बहनों को संभाल सकें इसलिए उन्होंने खुद कभी शादी नहीं की।
स्कूल नहीं गईं लेकिन ढेरों हैं डिग्रियां
लता मंगेशकर 36 भाषाओं में गाना गा सकते वाली पहली सिंगर बनीं और ये टैग उनसे आज तक कोई नहीं छीन पाया है। लता दीदी ने 1 हजार से ज्यादा हिंदी गाने गाए और बाकियों की तो वह गिनती भी भूल चुकी थीं। लता मंगेशकर स्कूल भले ही नहीं जा पाई हों, लेकिन न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी समेत 6 विश्वविधालयों से मानक उपाधि से सम्मानित किया था।