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गोवा में कांग्रेस को सता रहा टूट का डर, राष्ट्रपति चुनाव से पहले 5 विधायकों को चेन्नाई भेजा

 नई दिल्ली।
 
कांग्रेस पार्टी को गोवा में टूट का डर सता रहा है। इसलिए राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने 11 विधायकों में से पांच को चेन्नई भेज दिया है। इन विधायकों में संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ, अल्टोन डी'कोस्टा, रुडोल्फो फर्नांडीस और कार्लोस फरेरा शामिल हैं। आपको बता दें कि तमिलनाडु में कांग्रेस सत्तारूढ़ द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है।

गोवा कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि पार्टी के पांच विधायक सत्तारूढ़ भाजपा से कथित "दबाव की रणनीति और धमकियों" से बचने के लिए चेन्नई गए हैं। उन्होंने शनिवार शाम को ट्वीट किया, 'हमने किसी विधायक को कहीं नहीं भेजा है। कांग्रेस के पांच विधायक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और भाजपा द्वारा गोवा कांग्रेस में विभाजन के लिए किए जा रहे लगातार प्रयासों, निरंतर कॉल, दबाव की रणनीति और धमकियों से बचने के लिए स्वेच्छा से चेन्नई गए हैं।'

सूत्रों ने कहा कि विधायकों के रविवार शाम को पणजी लौटने की उम्मीद है। 11 जुलाई से शुरू हुआ गोवा विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई को खत्म होगा। कांग्रेस के छह अन्य विधायक जो उस समूह का हिस्सा नहीं थे उनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, दलीला लोबो, केदार नाइक, एलेक्सो सिकेरा और राजेश फलदेसाई शामिल हैं।

पिछले रविवार को कांग्रेस ने माइकल लोबो को कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। उन पर और कामत पर भाजपा के साथ मिलकर पार्टी के विधायक दल को विभाजित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसके बाद पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कामत और लोबो के खिलाफ अयोग्यता याचिका भी दायर की। भाजपा के एक पूर्व मंत्री लोबो ने फरवरी में हुए राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का दामन थाम लिया था। लोबो शनिवार को मुंबई से गोवा लौटे और संवाददाताओं से कहा कि वह वहां बिजनेस ट्रिप पर गए हैं। पिछले सोमवार को, कामत को छोड़कर सभी कांग्रेस विधायक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव मुकुल वासनिक द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुए थे।

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के अध्यक्ष अमित पाटकर ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी विधायकों पर पाला बदलने का दबाव बना रही है। पाटकर ने गुरुवार को दिल्ली में एआईसीसी महासचिवों और पीसीसी अध्यक्षों की बैठक में भाग लिया था। उन्होंने कहा कि पार्टी की गोवा इकाई में राजनीतिक संकट पर संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल के साथ भी चर्चा हुई।

पाटकर ने शुक्रवार को आरोप लगाया, "भाजपा हमारे विधायकों पर दबाव बना रही है, उनके प्रस्ताव हर दिन बढ़ते जा रहे हैं।" उन्होंने कहा, 'भाजपा को स्वस्थ विपक्ष को स्वीकार करना चाहिए। उन्हें लोकतंत्र और लोगों के जनादेश का सम्मान करना चाहिए।" पाटकर ने आरोप लगाया, “वे बड़ी मात्रा में पैसों का लाभ की पेशकश कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि हम आपके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे। यह अभी भी चल रहा है।” उन्होंने दावा किया, "हमारे विधायक दबाव के आगे नहीं झुकेंगे। मुझे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है, लोगों ने उन पर विश्वास किया है और उन्हें चुना है।”

हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों से खुद को दूर करने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि गोवा में भाजपा की स्थिर सरकार है और उसे और विधायकों की आवश्यकता नहीं है। राज्य भाजपा अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े ने कहा कि पार्टी कभी भी किसी के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं कर सकती है।

 

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