चीनी नागरिकों वीजा दिलाने के मामले में, गिरफ्तारी के डर से कोर्ट पहुंचे कार्ति चिदंबरम
नई दिल्ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने दिल्ली कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। दरअसल, केंद्रीय जांच ब्यूरो(Central Bureau of Investigation-CBI) के छापे के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। 18 मई को उनके करीबी भास्कर रमण को गिरफ्तार किया गया था। भास्कर रमन को कोर्ट ने चार दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। यह छापा चेन्नई के 3, मुंबई के 3, कर्नाटक के 1, पंजाब के 1 और ओडिशा के 1 ठिकाने पर मारा गया था। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, कार्ति ने कथिततौर पर साबू नामक एक शख्स से 50 लाख रुपए बतौर रिश्वत लिए थे।
सीबीआई ने 9 जगहों पर मारा था छापा
17 मई को CBI ने कार्ति के 9 ठिकानों पर छापा मारा था। सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ 2010-14 के बीच कथित लेन-देन और पैसा भेजने पर नया मामला दर्ज किया है। इन पर आरोप है किपी. चिदंबरम के केंद्रीय गृहमंत्री रहते हुए कार्ति ने 50 लाख रुपये की रिश्वत लेकर 263 चीनी नागरिकों को भारत का वीजा दिलाया था। CBI ने कार्ति के अलावा उनके करीबी एस भास्करारमन, तलवंडी साबो बिजली परियोजना के प्रतिनिधि विकास मखारिया (जिसने रिश्वत की पेशकश की), कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड, मुंबई स्थित बेल टूल्स लिमिटेड (जिसके जरिये रिश्वत पहुंचाई गई) व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर आपराधिक साजिश, खातों में हेरफेर और भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई शुरुआती जांच में भास्कर रमन के पास से एक हार्ड ड्राइव जब्त की गई थी, जिसमें 50 लाख के लेनदेन का ब्योरा मिला था।
305 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में भी फंसे हैं
17 मार्च को CBI ने मनी लाड्रिंग मामले में कार्ति के ठिकानों पर रेड डाली थी। कार्ति पर पहले से ही और कई मामले दर्ज हैं। इनमें आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी (Foreign Investment Promotion Board) की क्लियरेंस मिलने का भी मामला शामिल है, जो करीब 305 करोड़ विदेशी फंड से जुड़ा है। यह लेनदेन भी तब हुआ था, जब चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। केस सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दर्ज किया था। इस केस में कार्ति के अलावा उनके पिता पी चिदंबरम भी आरोपी हैं। हालांकि मार्च में निचली अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में कार्ति चिंदबरम को जमानत देते हुए विदेश जाने की अनुमति दी थी।