पेगासस जासूसी से तीन कृषि कानूनों तक… विवादों से अछूती नहीं भाजपा, 8 मौके जब घिरी सरकार
नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को केंद्र में 8 साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान सरकार जहां अनुच्छेद 370 को खत्म करने, ट्रिपल तलाक जैसे बड़े फैसलों को लेकर चर्चा में रही। वहीं, राफेल, पेगासस जासूसी जैसे कुछ मुद्दों को लेकर आम जनता से लेकर विपक्ष के निशाने पर आई। फिलहाल, ऐसे में जब भाजपा 30 मई से 14 जून तक बड़े स्तर पर जश्न की तैयारी कर रही है, एक नजर डालते हैं उन 8 विवादों पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार मुश्किल में नजर आई।
ईवीएम हैक: विपक्ष की जुबान पर आई भाजपा की कहानी
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानि EVM को हैक के आरोप लगाने वालों की फेहरिस्त लंबी है। इतिहास में झांके तो साल 2009 में ही भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने यह कहते हुए बैलेट पेपर्स को दोबारा लाने की मांग की थी कि EVM में खराबी की पूरी संभावना है। हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग ने मशीन को हैक होने के दावों से इनकार किया था। इस साल विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ही मतगणना से पहले ईवीएम हैक होने की बात कही थी।
साल 2014 में आम चुनाव में जब भाजपा ने बहुमत के साथ आम चुनाव जीता, तो ईवीएम हैक के मुद्दे ने जोर पकड़ा था। इसके बाद से ही विपक्ष कई विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा पर EVM से छेड़छाड़ के आरोप लगा रहा है। साल 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब भाजपा जीती तो विपक्ष ने फिर मशीन हैक के दावे किए। उस दौरान आरोप लगाने वालों में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती का नाम शुरुआती नेताओं में था। 40 साल पहले 1982 में केरल विधानसभा चुनाव के दौरान परूर क्षेत्र में EVM का इस्तेमाल पहली बार एक इलाके में हुआ।
पेगासस जासूसी: संसद में गरजा विपक्ष सुप्रीम कोर्ट ने संभाली कमान
18 जुलाई 2021 को खुलासा हुआ कि इजरालयी कंपनी NSO समूह के पेगासस स्पाइवेयर ने भारत में 300 मोबाइल फोन नंबर को निशाना बनाया था। एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि डेटाबेस में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों, राजनेताओं समेत कई लोगों के नंबर शामिल थे। 19 जुलाई को केंद्र ने पेगासस के जरिए निगरानी के आरोपों का खंडन किया था।
20 जुलाई को मानसून सत्र के दौारन संसदीय समिति की तरफ से मामले की जांच की मांग की। वहीं, कई सियासी दलों ने पेगासास जासूसी मुद्दे पर जमकर हंगामा किया था, जिससे सदन की कार्यवाही कई बार अटकी। इसके बाद 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई, जिसमें SIT जांच की मांग की गई। 27 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने पेगासस के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए समिति गठित की थी।
सीमा विवाद: सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर चीन से विवाद तक
18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के आतंकियों ने उरी में सेना के बेस पर हमला कर 19 जवानों को शहीद कर दिया था। इसके जवाब में 28 सितंबर को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। सेना की इस कार्रवाई पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर 'खून की दलाली' के आरोप लगाए। वहीं, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सबूत की मांग कर दी थी। इनके अलावा कांग्रेस नेता संजय निरुपम समेत कई नेताओं ने वास्तविकता पर सवाल उठाए थे।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। ताजा विवाद जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद शुरू हुआ था। उस दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। कहा जा रहा था कि साल 1975 के बाद यह दोनों देशों के बीच सबसे हिंसक आमना-सामना था। दोनों देशों के आरोपों के बीच भारत में विपक्ष ने भी सरकार पर आरोप लगाए थे।
विपक्षी दल लगातार भारतीय क्षेत्र में चीनी दखल की बात पर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने सदन में इस मुद्दे पर बहस की भी मांग की थी। राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार इस बात को नहीं जानती कि चीन से कैसे निपटा जाए। उन्होंने कहा था, 'चीन की हरकतों को अभी नजरअंदाज करना भविष्य में बड़ी मुश्किलें खड़ी करेगा।'
कृषि कानून: सड़क से संसद तक चला संग्राम
5 जून 2020 को सरकार ने तीन कृषि कानून जारी किए। महज 2 महीनों के बाद ही देश में इन कानूनों को लेकर उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया था। 25 सितंबर 2020 को एक ओर जहां किसान ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के आह्वान पर विरोध में उतर आए। वहीं, अगले ही दिन यानि 26 सितंबर को NDA से शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने रास्ते अलग कर लिए थे।