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मिड डे मील देने के आदेश दिए हरियाणा शिक्षा विभाग ने, शिक्षकों के पास न कुकिंग कास्ट व राशन

यमुनानगर
शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील देने के आदेश तो जारी हो गए, लेकिन संसाधन न होने से अध्यापकों के सामने मुश्किल आ रही है। स्कूलों में बीते वर्ष जुलाई के बाद कुकिंग कास्ट नहीं मिली है। इस समय स्कूलों में आटा, चावल, गेहूं व कुकिंग कास्ट कुछ भी उपलब्ध नहीं है। एेसे में मिड डे मील के तहत छात्रों को पका भोजन मिलना मुश्किल है। राजकीय अध्यापक संघ ने भी शिक्षा विभाग को कु्किंग कास्ट उपलब्ध कराने की मांग की है। जिला प्रधान महेंद्र कलेर ने कहा कि केवल आदेश जारी करने से ही बच्चों का पेट नहीं भर जाएगा, क्योंकि दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाने के लिए स्कूलों में सामान और कुकिंग कास्ट का खाते में होना बहुत आवश्यक है।

छह अप्रैल को जारी किए थे आदेश
शिक्षा विभाग की अोर से छह अप्रैल को स्कूलों में मिड डे मील देने के आदेश जारी किए गए थे। मौलिक शिक्षा निदेशक की ओर से राजकीय व मिडल स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को पौष्टिक आहार देने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन इस पत्र के बाद प्रदेशभर के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और मिड डे मील वर्कर असमंजस में हैं। वजह यह है कि शिक्षकों के पास कुकिंग कास्ट उपलब्ध नहीं है। स्कूलों में मिड डे मील बनाने के लिए राशन और दूसरी चीजें उपलब्ध नहीं हैं। इस संबंध में भी कोई निर्देश स्पष्ट नहीं किए गए हैं।

कोरोना की वजह से लगा था प्रतिबंध
प्रदेश में दो साल पहले कोरोना की वजह से स्कूलों में छात्रों काे पका हुआ खाना देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद मिडल हेड व प्राथमिक स्कूलों के मुखियाओं को आदेश देकर उनके खातों में जमा राशि को जीरो बैलेंस कर दिया गया था। अब नए सिरे से मिड डे मील बनाकर बच्चों को देने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन कुकिंग कास्ट व राशन के संबंध में कोई प्राविधान नहीं किया है। जिसको लेकर शिक्षक भी असमंजस में हैं।

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