अवैध हथियार, शराब और सट्टे का रैकेट…जहांगीरपुरी के हर गैरकानूनी काम में है उसका नाम
नई दिल्ली
दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई हिंसा का कथित मास्टरमाइंड मोहम्मद अंसार का अपने इलाके में काफी दबदबा है। पेशे से कबाड़ी (स्क्रैप डीलर) का काम करने वाला अंसार सोना, शराब, महंगी कारों के साथ हथियार का भी शौकीन बताया जाता है। इसकी झलक इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहे उसके फोटो में देखने को मिलती है। महज चौथी क्लास तक पढ़ाई करने वाले अंसार का अपराध से भी पुराना नाता है।
जब पुलिस ने इसकी बीएमडब्ल्यू के साथ अंसार के कुछ फोटो देखे तो आशंका जताई गई कि इसके पास लग्जरी गाड़ियां हो सकती हैं। हालांकि, इस सिलसिले में पूछताछ करने पर पता चला कि उसने किसी को ब्याज पर रुपये दिए थे और बदले में उसकी बीएमडब्ल्यू कार कुछ समय के लिए अपने पास रख ली थी। पुलिस अंसार के हवाला कनेक्शन की भी जांच कर रही है और यह भी आशंका है कि उसके पास पुरानी लग्जरी गाड़ियां और अकूत दौलत हो सकती है, हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
42 साल के अंसार पर साल 2009 में आर्म्स एक्ट के तहत पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद साल 2011 से 2019 के बीच में गैंबलिंग एक्ट के तीन मुकदमे दर्ज हुए। साल 2013 में छेड़छाड़ की धारा 509, मारपीट की धारा 323 और धमकाने की धारा 509 के तहत भी मुकदमा दर्ज हुआ था। यहीं नहीं, एक मामला जुलाई 2018 का है, जिसमें उस पर सरकारी कर्मचारी पर हमला करना और सरकारी काम मे बाधा डालने की धारा लगाई गई थी।
जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक में रहने वाला अंसार का इलाके में काफी दबदबा है क्योंकि जैसे-जैसे उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड बढ़ता गया, वैसे-वैसे एरिया में उसकी आपराधिक एक्टिविटी अवैध पार्किंग से उगाही, सट्टे और नशे के कारोबार में बढ़ती गई। पुलिस का कहना है कि इन तमाम कामों से उसकी हर महीने लाखों की कमाई होती है। सूत्रों का कहना है कि एरिया के अवैध धंधों की उगाही का हिस्सा वह पुलिस तक भी पहुंचाता रहा है।
बताया जा रहा है कि अंसार को शनिवार शोभायात्रा की शाम मस्जिद से कॉल किया था, जिसके बाद वह अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस और झगड़ा किया। यह जानकारी उसकी कॉल रिकॉर्ड चेक करने से सामने आई है।
हालांकि, अंसार की अवैध कमाई लाखों में है, लेकिन पुलिस उसके बैंक डिटेल की स्टेटमेंट्स भी खंगाल रही है, पुलिस को आशंका है कि अंसार को फंडिंग की गई क्योंकि उसे पहले से पता था कि जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में शोभायात्रा निकलने वाली है, इसलिए उसकी हरकत को एक गहरी साजिश के तौर पर देखा जा रहा है। अंसार वह शख्स है जिसका एफआईआर में सबसे पहले नाम आया और पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी बताते हुए एफआईआर में लिखा है कि अंसार ने ही सबसे पहले इस शोभायात्रा में सी ब्लॉक मस्जिद के सामने व्यवधान डाला था और कुछ लोगों से बहस की थी।