बागेश्वर: वृद्धा को आंगन से खींच ले गया तेंदुआ, खेत में सिर व धड़ अलग-अलग मिले
बागेश्वर
काफलीगैर तहसील के असों गांव में गुलदार ने एक बुजुर्ग महिला को निवाला बना लिया है। सुबह के समय तेंदुआ (स्थानीय भाषा में गुलदार) वृद्धा को उनके घर के आंगन से उठा ले गया। खेतों के बीच लेकर उसे सर धड़ से अलग कर दिया। घटना की जानकारी ग्रामीणों को देर से मिली। वन और पुलिस की टीम घटना स्थल पहुंची। शव का पोस्टमार्टम कर उसे ग्रामीणों को सौंप दिया गया है। घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है।
घर के अंदर ही था तेंदुआ
असों गांव की 85 वर्षीय गाउली देवी पत्नी स्व. धरम सिंह घर में अकेली रहती थी। शनिवार की सुबह लगभग साढ़े पांच बजे वह शौच के लिए आंगन के दूसरी छोर पर बने शौचालय की तरफ जाने लगी। पहले से सेंध लगाकर बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। गुलदार उसे घसीटते हुए लगभग दस मीटर की दूरी पर खेतों की तरफ ले गया। वहां सर और धड़ अलग कर दिया। ग्रामीणों को घटना की जानकारी सुबह लगभग सात बजे लगी। उन्होंने तत्काल वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग, पुलिस और उपजिलाधिकारी की टीम पौने नौ बजे गांव पहुंची।
पूर्व में मवेशी पर किया हमला
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गुलदार का आतंक पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा था। कई मवेशियों को भी वह अपना निवाला बना चुका था। वृद्धा अकेली रहती थी। तरमोली गांव निवासी नारायण सिंह मृतका के दामाद हैं। उन्हें 15 हजार रुपये की अहैतुक धनराशि प्रदान की गई है। इस मौके पर एसडीएम हरगिरी आदि मौजूद थे।
मृतका के गले में थे निशान
वन क्षेत्राधिकारी श्याम सिंह करायत ने बताया कि मृतक के गले में जानवर के नाखून व दांत के निशान हैं। प्रथम दृष्टया मामला जानवर के हमले का लग रहा है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। उपजिलाधिकारी हरगिरी ने कहा कि हरसंभव सहयोग ग्रामीणों को दिया जाएगा। दो दिन के भीतर पिंजड़ा भी लगाया जाएगा।
तेंदुए को मारने का बने कानून
सवाल संगठन के अध्यक्ष रमेश पांडे कृषक ने कहा कि असों गांव में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार (तेंदुए) का आतंक बढ़ गया है। पर्वतीय क्षेत्रों के मूल निवासियों की रक्षा के लिए गांवों, नगरों के आसपास पांच वर्ग किलोमीटर की परिधि में घुस आने वाले हिंसक जानवरों गुलदार, भालू को मारने की अनुमति का कानून लागू किया जाए।