देश

लोकसभा में एस. जयशंकर बोले – भारत ने चुनी है शांति की राह, बूचा नरसंहार से हुई चिंता

नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को यूक्रेन की स्थिति पर लोकसभा में कहा कि भारत संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ है और तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने इस मुद्दे पर कोई पक्ष चुना है तो वह शांति का पक्ष है। नियम 193 के तहत निचने सदन में यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए जयशंकर ने कहा, ''भारत का रुख राष्ट्रीय विश्वास एवं मूल्यों, राष्ट्रीय हितों और राष्ट्रीय रणनीति के तहत निर्देशित है। हम संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ हैं। हम मानते हैं कि हिंसा एवं निर्दोष लोगों के जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकल सकता। संवाद और कूटनीति ही एकमात्र उपाय है।''

उन्होंने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में हमारा मानना है कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा सभी की क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का सम्मान करना चाहिए। यूक्रेन की स्थिति के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा, ''भारत ने अगर कोई पक्ष चुना है, तो वह शांति का पक्ष है। हम तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं। यह रुख संयुक्त राष्ट्र सहित सभी मंचों पर हमने रेखांकित किया है।''

बूचा हिंसा पर स्वतंत्र जांच की मांग
यूक्रेन के बूचा में काफी संख्या में शव मिलने से जुड़ी घटना पर जयशंकर ने कहा, ''हम इस रिपोर्ट से काफी परेशान हैं। हम इन हत्याओं की निंदा करते हैं। हम इस घटना की स्वतंत्र जांच कराने के आह्वान का समर्थन करते हैं।'' उन्होंने कहा कि यूक्रेन की स्थिति का भारत और दुनिया के अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ रहा है और हम इस पर ध्यान दे रहे हैं।

विदेश मंत्री ने चर्चा में कुछ विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों के परोक्ष संदर्भ में यह भी कहा कि यूक्रेन की स्थिति के संबंध में भारत के कदमों को राजनीतिक रंग देने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है। विदेश मंत्री ने कहा, ''हम ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति स्तर से लेकर हर स्तर पर संवाद किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बात की। उन्होंने कहा कि भारत की यात्रा पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को हमारा यही संदेश था कि भारत शांति के लिए कोई भी मदद दे सकता है तो इसके लिये तैयार है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button