भारत ने काठमांडू-रक्सौल के बीच रेललाइन का काम किया तेज,चीन की 3 भ्रष्ट कंपनियां ब्लैकलिस्ट
काठमांडू
नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे चीनी ड्रैगन को करारा झटका लगा है। एशियाई विकास बैंक ने धोखाधड़ी करने वाली चीन की 3 शीर्ष कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। यही नहीं एडीबी ने इन चीनी कंपनियों को नेपाल के एयरपोर्ट विकास प्रॉजेक्ट में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है। उधर, भारत ने नेपाल में बड़ा दांव चलते हुए काठमांडू से रक्सौल तक ट्रेन चलाने के लिए अपने प्रयास को काफी तेज कर दिया है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कई सूत्रों ने बताया कि एडीबी के भ्रष्टाचार निरोधक कार्यालय ने चीन सरकार समर्थित 3 कंपनियों चाइना सीएमसी इंजीनियरिंग कंपनी, नॉर्थवेस्ट सिविल एविएशन एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन ग्रुप और चाइना हार्बर इंजीनियरिंग पर कई अपराधों में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया है। नेपाल के काठमांडू स्थित त्रिभुवन इंटरनैशनल एयरपोर्ट का विकास करने के लिए करीब 24 कंपनियों ने इच्छा जताई थी लेकिन केवल 4 चीनी कंपनियों ने ही अपने दस्तावेज दाखिल किए।
चीनी कंपनी को पाकिस्तान में भी प्रॉजेक्ट में हिस्सा लेने पर रोक
इन 4 चीनी कंपनियों में से 2 को मनिला स्थित एडीबी ने ब्लैक लिस्ट किया है। चाइना सीएमसी इंजीनियरिंग कंपनी और चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी को काली सूची में डाला गया है। चाइना सीएमसी इंजीनियरिंग कंपनी अभी नेपाल के पोखरा इंटरनैशनल एयरपोर्ट को बना रही है और एडीबी ने प्रतिबंधों की सूची में डाला है। यही नहीं इस चीनी कंपनी को पाकिस्तान में भी एडीबी के वित्तपोषण वाले प्रॉजेक्ट में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है।
चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी को साल 2023 तक के लिए प्रतिबंधों की सूची में डाला गया है। बांग्लादेश सरकार ने चाइना हार्बर को साल 2018 में ही ब्लैकलिस्ट कर दिया था। यह कंपनी सड़क विभाग के सचिव को घूस देने की कोशिश कर रही थी। एडीबी के इस कदम से काठमांडू एयरपोर्ट का विकास एक बार फिर से रुक गया है। इस बीच भारत ने नेपाल तक रेल पहुंचाने के लिए अपने प्रयास को तेज कर दिया है।
भारत ने काठमांडू-रक्सौल के बीच रेललाइन के काम को किया तेज
नेपाल सरकार ने भारत को काठमांडू-रक्सौल के बीच प्रस्तावित रेलमार्ग के विकास के लिए अंतिम स्थान सर्वे शुरू करने हेतु जरूरी स्वीकृति को देने का काम शुरू कर दिया है। रक्सौल नेपाल से सटा भारतीय इलाका है। यह ब्रॉडगेज रेलवे लाइन नेपाल की राजधानी काठमांडू को सीधे भारतीय रेलवे के नेटवर्क से जोड़ देगी। इससे भारत के हर शहर तक नेपाल की ट्रेन आसानी से जा सकेगी। रक्सौल तक बनने वाली यह रेल लाइन 136 से लेकर 198 किमी लंबी होगी।
माना जा रहा है कि नेपाल में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए भारत इस रेल परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। उधर, चीन के केरूंग से काठमांडू के बीच बनने वाली रेलवे लाइन कोरोना के कारण अधर में लटकी हुई है। इस बीच भारत मौके का फायदा उठाते हुए इस परियोजना को पूरा करना चाहता है। भारत तक आने वाले रेललाइन को बनाने का सर्वे कोंकण रेलवे ने किया था।