देश

नेपाल में 19000 करोड़ के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को पूरा करेगा भारत, समझौते पर हुए हस्ताक्षर

नई दिल्ली । नेपाल में चीन के दखल को खत्म करने के लिए भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। नेपाल के जिस हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को चीन समेत तीन देशों ने छोड़ दिया था। उस प्रोजेक्ट को अब भारत पूरा करेगा। नेपाल ने 19 हजार करोड़ की इस परियोजना को पहले चीन को ऑफर किया था, लेकिन चीन ने चार साल पहले इस परियोजना से अपने हाथ पीछे खींच लिए। जिसके बाद नेपाल ने इसे विकसित करने के लिए भारत के साथ बातचीत शुरू की। अब भारत सरकार की स्वामित्व वाली एनएचपीसी लिमिटेड के साथ दो परियोजनाओं वेस्ट सेती और सेती नदी को विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
दोनों परियोजनाओं से कुल 1200 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। रणनीतिक लिहाज से अहम नेपाल में चीन अपनी दखल बनाए रखना चाहता है। चीन की संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस के अध्यक्ष ली झांसो 12 सितंबर को नेपाल का दौरा करेंगे। इस दौरान वो नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा और राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात करेंगे। नेपाल में चीन की दखलअंदाजी को लेकर कई बार विरोध हो चुका है। चीन की कोशिश है कि वो अपने खिलाफ विरोध को शांत करने के लिए वहां की सरकार के साथ विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी अपने संबंध मजबूत रखे।
इस बीच भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे कल पांच दिनों के दौरे पर काठमांडू पहुंचे हैं। इस दौरे में जनरल मनोज पांडे सैन्य संबंधों को मजबूत करने को लेकर नेपाल के सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी अपने आधिकारिक आवास ‘सीतल निवास’ में एक समारोह में नेपाली सेना के जनरल की मानद उपाधि प्रदान करेंगी। यह परंपरा 1950 में शुरू हुई थी। इसके तहत भारत भी नेपाली सेना प्रमुख को भारतीय सेना के जनरल की मानद उपाधि प्रदान करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button