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सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश: कांवड़ियों को कट्टरपंथियों से खतरा, गृह मंत्रालय ने कांवड़ यात्रा पर राज्यों को किया अलर्ट

 नई दिल्ली।
 
सावन के महीने में पवित्र कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। इस बीच सूत्रों ने कहा है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्य सरकारों को कट्टरपंथी तत्वों से खतरे का हवाला देते हुए कांवड़ियों की सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लिए कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए एक सलाह जारी की है। रेलवे बोर्ड को भी खतरे को देखते हुए ट्रेनों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि एडवाइजरी के मुताबिक कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को हिंदू महीने श्रावण के पहले दिन कांवड़ यात्रा शुरू हुई, जिसमें भगवान शिव के भक्त बड़ी संख्या में गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचे। कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद कांवड़ यात्रा हो रही है। अधिकारियों का अनुमान है कि करीब एक पखवाड़े तक चलने वाले मेले के दौरान कम से कम चार करोड़ कांवड़िये हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगाजल लेने पहुंचेंगे। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान सहित कई राज्यों के कांवड़िये हरिद्वार और ऋषिकेश जाते हैं और गंगाजल इकट्ठा करते हैं और अपने घर वापस मंदिरों में भगवान शिव को चढ़ाते हैं।

जगह-जगह सुरक्षा के कड़े इंतजाम
इन दोनों शहरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की आशंका को देखते हुए सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन और सोशल मीडिया की निगरानी के जरिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मेला क्षेत्र में बम निरोधक दस्ते और आतंकवाद निरोधी दस्ते भी तैनात किए गए हैं। लगभग 10,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। पुलिस ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्गों की भी चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी और किसी भी शिव भक्त को भाले और अन्य हथियारों के साथ शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 

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