देश

जांच एजेंसियों ने राज्यों को अलर्ट किया जारी ,विरोध के बहाने माहौल खराब करने की साजिश

 नई दिल्ली

देश में केंद्र सरकार की नई योजना अग्निपथ को लेकर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है. कई राज्यों में हिंसा का दौर भी शुरू हुआ है. सबसे ज्यादा प्रभावित तो बिहार दिखाई पड़ रहा है जहां पर ट्रेनों तक को आग के हवाले कर दिया गया है. अब इस बीच केंद्रीय जांच एजेंसियों ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया है. कहा गया है कि सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैला माहौल खराब करने की साजिश है.

जारी बयान में कहा गया है कि असामाजिक तत्व हर कोशिश करेंगे कानून व्यवस्था बिगाड़ने की, सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने की. सभी राज्यों को अलर्ट किया जाता है कि वे अतिरिक्त फोर्स तैयार रखें जिससे हर तरह की स्थिति से निपटा जा सके. अब ये चेतावनी उस समय जारी की गई है जब देश के कई राज्यों में इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं.

बिहार में तो सरकारी प्रॉपर्टी को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है, कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया है. तेलंगाना, कोलकाता और झारखंड में भी स्थिति विस्फोटक हो रही है. यूपी के कुछ इलाकों में भी प्रदर्शन हुए हैं. राजधानी दिल्ली में भी प्रदर्शनकारियों ने कानून हाथ में लेने का प्रयास किया है. इन्हीं सब प्रदर्शन को देखते हुए जांच एजेंसियां मान रही हैं कि आने वाले दिनों में माहौल खराब करने के लिए प्रदर्शनकारी और हिंसक हो सकते हैं. ऐसे में पहले से अतिरिक्त फोर्स तैनात करने की बात हुई है, सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने की नसीहत भी दी गई है.

अग्निपथ योजना की बात करें तो भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे. इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी. इन्हें पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा.

इस स्कीम के मुताबिक सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा. लेकिन इसी बिंदू पर युवा सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सवाल उठाया जा रहा है कि 25 फीसदी अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा. नौजवान इस बात का भी विरोध कर रहे हैं कि चार साल बाद अग्निवीरों को ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलने वाले हैं, ऐसे में उन सभी का भविष्य बीच भवर में फंस जाएगा.

लेकिन सरकार इन तर्कों को सही नहीं मानती है. उनकी नजरों में इन अग्निवीरों को इस तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी कि चार साल बाद जब वे कही दूसरी जगह नौकरी के लिए जाएंगे, तो उन्हें काम भी मिलेगा और बेहतर सैलरी भी. वैसे प्रदर्शन को शांत करने के लिए सरकार की तरफ से अग्निपथ भर्ती योजना के पहले बैच के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button