देश

शिंदे सरकार में किसी भी मंत्री को शपथ दिलाना ‘विनाशकारी’ होगा… शिवसेना ने गवर्नर के लिखी चिट्ठी

मुंबई।
 
शिवसेना ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल से एकनाथ शिंदे सरकार में किसी भी मंत्री को शपथ नहीं दिलाने का अनुरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति पर फैसले की वैधता भी सवालों के घेरे में है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लिखे पत्र में शिवसेना के महासचिव सुभाष देसाई ने कहा कि 39 विधायकों की अयोग्यता से संबंधित मुद्दे भी सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं। पत्र के जरिए शिवसेना ने कहा, "मंत्रियों की नियुक्ति या उन व्यक्तियों को किसी भी लाभकारी पदों की पेशकश करना जिनके खिलाफ दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता कार्यवाही लंबित है अनुच्छेद 164 (1 बी) के साथ-साथ अनुच्छेद 361 बी के के खिलाफ होंगे।" पत्र में कहा गया है कि जिन लोगों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही लंबित है उन्हें मंत्री या कोई और लाभकारी पद देना "पूरी तरह से विनाशकारी" होगा।

शिवसेना का कहना है, “39 विधायकों की अयोग्यता से संबंधित मुद्दे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं। इसके अलावा एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने के फैसले की वैधता का सवाल भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।” एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना विधायकों के खेमे ने संकेत दिया था कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बाद सीएम शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार हो सकता है। वर्तमान में सीएम शिंदे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट के सदस्य हैं। उन्होंने 30 जून को शपथ ली थी।

पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार अवैध है। उन्होंने कहा, “यह एक कानूनी लड़ाई है। कैबिनेट विस्तार नहीं हो रहा है। अगर मंत्री शपथ लेते हैं तो यह संविधान के खिलाफ होगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला नहीं देता शिंदे सरकार अवैध है। संजय राउत ने यह भी कहा कि सोमवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट की राहत के बाद राज्यपाल से किसी भी मंत्री को शपथ नहीं दिलाने का आग्रह किया गया है।

उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना विधायकों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के नव-निर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को उनकी अयोग्यता की मांग करने वाली याचिका पर आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा है। शिंदे खेमे ने विश्वास मत और स्पीकर के चुनाव के दौरान पार्टी व्हिप की अवहेलना के आधार पर कार्रवाई की मांग की थी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button