देश

केजरीवाल ने एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना

नई दिल्ली

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश में एक नया सिस्टम बनाया गया है। पहले यह तय किया जाता है कि किस आदमी को जेल भेजना है। इसके बाद उस पर आरोप लगाया जाता है। केजरीवाल ने कहा कि पूरा का पूरा केस बिल्कुल झूठा है। मैं सिसोदिया को 22 साल से जानता हूं, वह बेहद कट्टर ईमानदार आदमी हैं।

हम भगत सिंह की औलाद है, जेल से डर नहीं लगता
केजरीवाल ने कहा कि तुम सावरकर की औलाद हो, हम भगत सिंह की औलाद हैं। हमें जेल जाने से डर नहीं लगता है। केजरीवाल ने कहा कि ये लोग हमारे पीछे क्यों पड़े हैं। केजरीवाल ने कहा कि जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है तब से यह हमारे पीछे पड़ी है। उन्होंने कहा कि ये नहीं चाहते कि आम आदमी पार्टी देश में फैले। केजरीवाल ने कहा कि ये लोग झूठे केस में फंसाकर यह लोगों को दिखाना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी भी बीजेपी की तरह भ्रष्ट है। इन्होंने न जाने कितने कीचड़ उछाला लेकिन हमसे कीचड़ चिपका नहीं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पूरे देश में लोगों की उम्मीद बन चुकी है। उन्होंने कहा कि आज देश का आदमी चाहता है कि देश में भ्रष्टाचार खत्म हो, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, अस्पताल मिले। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को लेकर बहुत काम हुआ है।

एलजी ने की सीबीआई जांच की सिफारिश
इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसमें शराब की दुकानों के टेंडर में 144 करोड़ रुपये का शराब माफिया को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। बताया जा रहा है कि मनीष सिसोदिया इसकी जांच फंदे में फंस सकते हैं।

बीजेपी ने उठाया AAP, सिसोदिया पर सवाल
बीजेपी ने कहा कि नई शराब की पॉलिसी में नियमों का उल्लंघन हुआ है। बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि केजरीवाल सवालों के जवाब नहीं देते। लेखी ने कहा कि लाइसेंस फीस पर 144 करोड़ रुपये माफ किए गए। ये सब मनीष सिसोदिया की देखरेख में हुआ। बीजेपी ने कहा कि आप सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेके दिए गए। साथ ही बिना नियम एक कंपनी को 30 करोड़ रुपये कंपनी को वापस किए। लेखी ने कहा कि केजरीवाल तथ्यों के जवाब दें। मुख्यमंत्री ईमानदारी के सर्टिफिकेट ना बांटें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button