तहसील परिसर में कश्मीरी पंडित की हत्या, टारगेटेड किलिंग
जम्मू,
जम्मू कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी को गोली मार दी है. तहसील ऑफिस में आतंकियों ने राहुल भट्ट नाम के अधिकारी को अपना निशाना बनाया है. राहुल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है.
राहुल कश्मीरी पंडित बताए जा रहे हैं जो लंबे समय से राजस्व विभाग में काम कर रहे थे. लेकिन गुरुवार को आतंकियों ने तहसील दफ्तर में घुसकर उनको गोली मार दी. आतंकी मौके से फरार बताए जा रहे हैं और उनकी तलाश जारी है. सेना ने इलाके में अपना सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, पूरी कोशिश की जा रही है कि उन आतंकियों को जल्द पकड़ा जाए.
कश्मीरी पंडित पर हमला, कांग्रेस का निशाना
इस हमले के बाद फिर कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस नेता अश्विनी हांडा ने जोर देकर कहा है कि सरकार घाटी में कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा नहीं दे पा रही है. उनकी नजरों में कश्मीरी पंडितों पर लगातार ऐसे ही हमले जा रही हैं. ये हमला इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि पिछले कई दिनों में घाटी के अंदर अधिकारियों से लेकर सरपंच तक को निशाना बनाया जा रहा है. कश्मीरी पंडित भी आतंकियों की गोली का शिकार बन रहे हैं.
वैसे रक्षा विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस सयम घाटी में आतंकियों के खिलाफ सेना की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. उनके नेटवर्क ध्वस्त हो रहे हैं, कमांडर मारे जा रहे हैं, इसी वजह से बौखलाहट में ऐसे हमलों को अंजाम दिया जा रहा है. लेकिन सेना की कार्रवाई धीमी नहीं पड़ रही है. कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षबलों की आतंकियों के साथ 10 घंटे तक मुठभेड़ चली थी. उस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा संगठन के दो आतंकवादियों को मार गिराया गया था. इनमें एक पाकिस्तान का रहने वाला भी था.
घाटी में 150 आतंकी सक्रिय, चिंता वाली बात ये
दरअसल वो मुठभेड़ कुलगाम में बुना देवसर से 1.5 किलोमीटर दूर स्थित चेयन इलाके में हुई थी. वहां शनिवार देर रात सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि कुछ आतंकवादियों का मूवमेंट हो रहा है. ऐसे में उस इनपुट पर एक्शन लेते हुए सर्च ऑपरेशन चलाया गया. वहां पर आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया जिसके बाद कई घंटों तक दोनों तरफ से फायरिंग होती रही. अंत में दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया.
वैसे पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों में कमी देखने को मिली है. सक्रिय आतंकियों की संख्या भी महज 150 रह गई है. लेकिन सीआरपीएफ के मुताबिक इस ट्रेंड में चिंता का विषय ये है कि 60 फीसदी से ज्यादा कश्मीरी मूल के आतंकी हैं, यानी की वो स्थानीय हैं. वहीं 85 विदेशी मूल के आतंकी बताए जा रहे हैं.