ममता का एक्शन, TMC नेता अरेस्ट और थाना प्रभारी सस्पेंड

बीरभूम
पश्चिम बंगाल में बीरभूम के रामपुरहाट पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को अपनी ही पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पुलिस समय पर पहुंच जाती तो ही ऐसी घटना नहीं होती. जो पुलिस वाले जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. इसके अलावा बगतुई गांव के टीएमसी ब्लॉक प्रेसिडेंट अनारुल हुसैन को गिरफ्तार करने के आदेश दिए. इसके कुछ देर बाद ही रामपुरहाट के थाना प्रभारी त्रिदीप प्रमाणिक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया और टीएमसी नेता हुसैन को अरेस्ट कर लिया गया.
इसके अलावा ममता बनर्जी ने आज रामपुरहाट कांड में मारे गए लोगों के लिए 5 लाख रुपए प्रति व्यक्ति मुआवजे का भी ऐलान किया. साथ ही जिनके घर जले हैं, उनको 2 लाख रुपए मरम्मत के लिए भी दिए. ममता बनर्जी गांव से सीधे अस्पताल पहुंचीं और घायलों का हालचाल जाना. इसके बाद वो कोलकाता के लिए रवाना हो गईं.
हालांकि, बीरभूम पहुंचने से पहले ही कई जगहों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के स्वागत के लिए तोरण द्वार लगे दिखाई दिए, जिस पर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी और विरोधियों ने इसे आड़े हाथों लेते हुए ममता पर हमला शुरू कर दिया है.
उधर, आज घटनास्थल पर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल और बीजेपी का केंद्रीय बल भी पहुंचा. लेकिन दोनों को यहां तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी और बाधाओं का सामना करना पड़ा. अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधि दल को पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए बोलपुर में रोक दिया. लगभग 2 घंटे तक यहां रोके रखने के बाद पुलिस ने अधीर रंजन चौधरी को घटनास्थल तक जाने की इजाजत दी. वहीं, बीजेपी केंद्रीय दल को बीरभूम के सैंथिया में टीएमसी समर्थकों ने रोक दिया था.
इस मामले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ मुख्यमंत्री ममता सरकार की जबरदस्त तनातनी शुरू हो गई है. दरअसल, राज्यपाल ने घटना को बेहद शर्मनाक बताया था और राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. आज तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का एक दल गृह मंत्री अमित शाह से मिला और राज्यपाल को हटाने की मांग की गई. वहीं, राज्यपाल ने आज फिर घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा, राज्यपाल पर पत्थर उछलने या गाली देने से कुछ नहीं होगा, सरकार को सही दिशा में काम करना होगा.