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विदेश मंत्रालय ने कहा- अभी भी 15-20 भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं, ऑपरेशन गंगा जारी है

नई दिल्ली
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते लाखों लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में चले गए हैं। इस युद्ध के चलते हजारों भारतीयों को भी देश वापस आना पड़ा है। भारत सरकार यूक्रेन से करीब 20 हजार से अधिक भारतीयों को वापस लाई है लेकिन अभी 15-20 भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं, जिन्हें निकाला जाना है। इस बात की जानकारी खुद विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में दी है। ऑपरेशन गंगा अभी ख़त्म नहीं हुआ है। कुछ और लोगों को निकाला जाना है।
 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि युद्ध के इलाके में फंसे हुए कुछ भारतीय सुरक्षित निकलने का अभी भी इंतजार कर रहे हैं। हम इन लोगों तक सभी संभव मदद पहुंचा रहे हैं। कुछ लोग अभी भी खेरसन में फंसे हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि ऑपरेशन गंगा के तहत बचाव की फ्लाइट्स समाप्त नहीं हुई हैं और इन भारतीयों के बचाव की भी तैयारी की जा रही है।

यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने जनवरी 2022 में भारतीयों के लिए पंजीकरण अभियान शुरू किया और इसके चलते करीब 20 हजार भारतीयों ने पंजीकरण कराया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि आधे से ज्‍यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन के विश्वविद्यालयों से थे। यह रूस की सीमा के नजदीक है। जो कि इस युद्ध के संघर्ष का केंद्र हैं। उन्होंने कहा, बचाए गए छात्र भारत के 35 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से हैं, जिनमें केरल, यूपी, हरियाणा, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और राजस्थान जैसे राज्‍यों से हर एक से एक हजार से ज्‍यादा छात्र हैं।
 

सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि, यूक्रेन से 18 देशों के 147 विदेशी नागरिकों को ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से निकालकर भारत लाया गया है। जयशंकर ने यूक्रेन की स्थिति को लेकर संसद के दोनों सदनों में दिए एक बयान में कहा, "भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत के अनुरूप विदेशी नागरिकों को भी संघर्ष क्षेत्रों से निकाला गया और भारत लाया गया। उनमें 18 देशों के 147 नागरिक शामिल थे। कई यूक्रेनी नागरिक जो भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्य हैं, उन्हें भी निकाला गया है।

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