मोहन भागवत ने कहा- जिस समाज को हिंसा पसंद है, आज वो अपने अंतिम दिन गिन रहे हैं
मुंबई
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने कहा कि हिंसा से किसी का हित नहीं होता है। भागवत ने सभी समुदाय के लोगों को साथ लाने और मानवता की रक्षा की बात कह। हाल के दिनो में जिस तरह से दे के अलग-अलग हिस्सों में जिस तरह से हिंसा की खबरें सामने आई है, उसकी के मद्देनजर भागवत का यह बयान सामने आया है। भागवत ने इसके साथ ही सिंधी संस्कृति और उसकी भाषा को संरक्षित रखने की वकालत की और कहा कि देश में सिंधी विश्वविद्यालय की स्थापना होनी चाहिए। भारत एक बहु भाषीय देश है, जहां सभी भाषाओं का अपना महत्व है।
मोहन भागवत ने यह बयान महाराष्ट्र में आयोजित गद्दीनशीन कार्यक्रम में बोलते हुए दिया है। भागवत ने कहा कि अमरावती जिले से सिंधी समुदाय के लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं और इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं। भागवत ने कहा कि हिंसा से किसी का भायदा नहीं होता है, जिस समुदाय को हिंसा पसंद है उसके देश में अंतिम दिन चल रहे है। जो लोग अहिंसा को मानते हैं ,शांति प्रिय हैं वहीं यहां रहेंगे। हमे हमेशा अहिंसा को अपनाना चाहिए और शांतिप्रिय तरीके से रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि सभी समुदाय के लोग एकजुट हों और मानवता की रक्षा करें। हम सभी को यह काम प्राथमिकता के साथ करने की जरूरत है।
हाल ही में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा की खबरें और टकराव की खबरें सामने आई थी। तकरीबन आधा दर्जन राज्यों में यहां तक कि भाजपा शासित राज्यों गुजरात और मध्य प्रदेश में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई थी। सिंधी समुदाय के समाज में योगदान को याद करते हुए भागवत ने कहा कि कुछ सिंधी पाकिस्तान में ही रहे ताकि वह अपनी संस्कृति और भाषा का वहां पर संरिक्षित कर सके, कई भारत आए ताकि वो यहां अपनी संस्कृति की रक्षा कर सके, इन लोगों ने अपनी जमीन इसके लिए छोड़ दी।