केन्द्रीय विभागों में 2014 से अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों को मिली नौकरियां, सरकार ने संसद में दी जानकारी
नई दिल्ली
साल 2014-22 के बीच कुल 7लाख 22हजार 311 लोगों को केंद्र सरकार ने विभिन्न विभागों में परमानेंट नियुक्तियां दी हैं। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में दी है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने देश में रोजगार पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार द्वारा दी गई नौकरियों के बारे में अधिक जानकारी देते हुए जितेंद्र सिंह ने बताया कि कुल 7, 22, 311 लोगों में से 1,30,423 लोगों को 2014-15 में सरकारी नौकरी मिली। वहीं 2015-16 में 1,11,807; 2016-17 में 1,01,333; 2017-18 में 76,147; 2018-19 में 38,100; 2019-20 में 1,47,096; 2020-21 में 78,555 और 2021-22 में 38,850 नौकरियां दी गईं।
जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने 2021-22 के बजट से पांच साल की अवधि के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं शुरू कीं। सरकार द्वारा लागू की जा रही पीएलआई योजनाओं में 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है। पीएलआई योजना संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा निर्धारित समग्र वित्तीय सीमा के भीतर कार्यान्वित की जाती है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने 2021-22 के बजट से पांच साल की अवधि के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं शुरू कीं। सरकार द्वारा लागू की जा रही पीएलआई योजनाओं में 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है। पीएलआई योजना संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा निर्धारित समग्र वित्तीय सीमा के भीतर कार्यान्वित की जाती है। साथ ही उन्होंने बताया कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) लागू की जा रही है। पीएमएमवाई के तहत, 10 लाख रुपये तक का लोन सूक्ष्म और लघु व्यवसाय उद्यमों और व्यक्तियों को दिए जाते हैं। ताकि वो अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को स्थापित या विस्तारित कर सकें।
सिंह ने बताया कि सरकार ने 1 जून, 2020 से प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वानिधि योजना) को लागू किया है। ताकि सड़क विक्रेताओं को उनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए लोन की सुविधा मिल सके। जो कोविड -19 महामारी के दौरान प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए थे। वहीं, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगारों की बहाली के लिए 1 अक्टूबर, 2020 से आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) शुरू की गई।