कश्मीर में पुलिस के जवानों को NIA दे रही ट्रेनिंग, आतंकवाद के खिलाफ तैयार हो रहे स्पेशल दस्ते
नई दिल्ली।
आतंकवाद और संगीन अपराधों से जुड़े मामलों की जांच के लिए राज्यों में पुलिस के विशेष दस्ते तैयार किए जाएंगे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर से इसकी शुरुआत कर दी है। यहां पर पुलिस के जवानों को विशेष प्रशिक्षण देने का अभियान शुरू किया गया है। इसी तरह कई अन्य राज्यों में भी प्रशिक्षण के बाद पुलिस के विशेष जांच दस्ते तैयार किए जाएंगे। एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान को गति देने के लिए सबसे पहले यहां पर प्रशिक्षण अभियान शुरू किया है। यहां की पुलिस को अब आतंकवाद और अन्य संगीन अपराधों के मामलों की जांच के लिए किसी विशेष जांच एजेंसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यहां पर अब तक 500 से ज्यादा पुलिस जवानों को इस तरह की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस तरह के सत्र लगातार आयोजित किए जाएंगे, ताकि प्रशिक्षित जवानों का एक पूल तैयार किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए पर आतंक और संगीन अपराध से जुड़े मामलों की जांच का बोझ बढ़ रहा है, जबकि उसके पास मानव संसाधन की कमी है। इसके मद्देनजर ही इस जांच एजेंसी ने विभिन्न राज्यों में पुलिस जवानों को प्रशिक्षित करने का अभियान चलाने की योजना बनाई है। ताकि, अत्यंत गंभीर किस्म के मामलो में ही एनआईए की जरूरत पड़े। एनआईए में करीब 386 पद खाली हैं। क्योंकि, राज्यों से एटीएस और एसटीएफ में काम कर चुके अनुभवी अफसर एनआईए में कम ही आ रहे हैं। साथ ही आंतरिक नियमों के तहत तय कोटा की वजह से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) से भी एनआईए में प्रतिनियुक्ति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से जांच एजेंसी में अमूमन 30 फीसदी पद खाली रहते हैं।
प्रशिक्षित जवानों की एनआईए में प्रतिनियुक्ति संभव
एनआईए के प्रशिक्षण से आतंकवाद समेत विशेष प्रकृति के मामलों से निपटने में मदद मिलेगी। साथ ही राज्यों में प्रशिक्षित बल होने पर इन्हें जरूरी होने पर एनआईए में भी प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि आतंकवाद और संगीन अपराध की समस्या जिस तरह से बढ़ रही है, उसे देखते हुए जांच में विशेषज्ञता केंद्र व राज्य दोनों स्तर पर जरूरी है। ताकि, सबूतों को एकत्र करने और उपलब्ध सूचनाओं का सटीक विश्लेषण करके कार्रवाई के लिए ठोस आधार तैयार किया जा सके।