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ओबीसी रिजर्वेशन केस: SC को शिवराज सरकार ने सौंपे सर्वे के आंकड़े

नई दिल्ली
ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका पर आज सुनवाई है। ओबीसी आरक्षण को लेकर दाखिल की गई सभी याचिकाओं पर आज एक साथ सुनवाई होनी है। मध्य प्रदेश का ये सबसे अहम मुद्दा है, जिसे लेकर कई महीनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

ओबीसी आरक्षण को लेकर एक याचिका शिवराज सरकार ने दायर की थी। याचिका में मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरकार ने भी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर गुहार लगाई है। पेंच ओबीसी वर्ग को पंचायत चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण दिया जाने को लेकर फंसा है। आज सरकार के वकील एमपी में ओबीसी को लेकर आरक्षण के चलते ओबीसी वर्ग का आर्थिक और सामाजिक सर्वे का आंकड़ा रख सकते हैं। पिछले दिनों ओबीसी का आर्थिक सर्वे कराया गया था, जिसे आज कोर्ट में रखा जाएगा।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में मार्च 2020 में ही 22 हजार से ज्यादा पंचायतों के सरपंचों और पंचों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। साथ ही 841 जिला और 6774 जनपद पंचायतों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है लेकिन विभिन्न कारणों से पंचायत चुनाव टलते रहे। दिसंबर में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया, लेकिन अब ओबीसी आरक्षण को लेकर पेंच फंस गया, जिसके बाद पंचायत चुनाव रद्द कर दिए गए।

दावा मजबूत करने  जुटाए अहम आंकड़े

  • सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण देने के लिए जो प्रक्रिया करने के लिए कहा है, उसके अनुसार पिछड़ा वर्ग वोटर्स की जानकारी जुटाई गई है। पंचायतवार आंकड़ा कलेक्टरों से बुला लिया है।
  • पिछले दो पंचायत में अनारक्षित पदों पर कितने पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति चुनाव जीते, यह जानकारी भी जुटाई गई है।
  • सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग की स्थिति को लेकर भी रिपोर्ट तैयार की है। इसके अनुसार पिछड़ा वर्ग के 21 हजार 975 पद रिक्त हैं।  
  • सरकार ने पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया है। इसका अध्यक्ष पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को बनाया है।

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