स्वर्ण मंदिर में बेअंत के हत्यारे की तस्वीर, SGPC ने सिख म्यूजियम में लगाई
अमृतसर
स्वर्ण मंदिर में स्थित सिख म्यूजियम में लगाई गई एक तस्वीर विवाद का विषय बनी हुई है। यह तब हुआ जब पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की जान लेने वाले दिलावर सिंह बब्बर की एक तस्वीर म्यूजियम में लगाई गई है। सिखों की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी SGPC की तरफ से यह तस्वीर मंगलवार को म्यूजियम में लगाई गई है। इसके बाद इस पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। दरअसल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मंगलवार को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर में केंद्रीय सिख संग्रहालय में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह की तस्वीर का अनावरण किया। दिलावर सिंह उग्रवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सदस्य था और सीएम बेअंत की हत्या करने के लिए एक आत्मघाती हमलावर बन गया था।
दिलावर सिंह को श्रीअकाल तख्त साहिब ने साल 2012 में अमर शहीद का दर्जा दिया था। अमर शहीद के दर्जे के करीब 10 साल बाद अब दिलावर सिंह की तस्वीर को भी म्यूजियम में जगह दे दी गई है। इस पूरे मामले पर SGPC प्रधान धामी ने कहा कि दिलावर सिंह बब्बर 1995 में शहीद हुए। 2012 में अकाल तख्त पर बलवंत सिंह राजोआना को 'जिंदा शहीद' और दिलावर सिंह बब्बर को अमर शहीद का दर्जा दिया गया। इसके 10 साल बाद, अब दिलावर सिंह की तस्वीर अजायबघर में लगाई गई है।
हरजिंदर सिंह धामी ने बेअंत सिंह की हत्या करने वाले की तस्वीर म्यूजियम में लगाए जाने का विरोध करने वालों को भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उनसे कहना चाहता हूं कि ये सिख पंथ का आंतरिक मामला है। सिख पंथ किसी अन्य धर्म या पंथ में दखल अंदाजी नहीं करता और वह भी उम्मीद करता है कि कोई दूसरा उनके पंथक मामलों में दखल-अंदाजी न करें।
वहीं प्रतिबंधित खालिस्तान सर्मथक संगठन सिख्स फॉस जस्टिस ने SGPC के इस कदम की सराहना की है। धामी ने यह भी कहा है कि उनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए, दिलावर सिंह और ज्ञानी भगवान सिंह की तस्वीरें सिख संग्रहालय में प्रदर्शित किए गए हैं। दिलावर सिंह ने उस समय सिखों के खिलाफ किए गए अत्याचारों और घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को खत्म कर दिया था। जब भी समुदाय पर अत्याचार किया गया, सिखों ने हमेशा बलिदान देकर इतिहास बनाया है। बता दें 27 साल पहले यानी 31 अगस्त 1995 की शाम को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी। पंजाब के पूर्व पुलिस अधिकारी रहे दिलावर सिंह ने अपनी कमर के चारों ओर विस्फोटकों की एक बेल्ट बांध दी थी, जिससे एक धमाका हुआ था। फिर मौके पर ही बेअंत सिंह की मौत हो गई थी।