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पुलिसकर्मी ने किया विवाहिता से दुष्कर्म का प्रयास, सिपाही निलंबित

उदयपुर
राजस्थान के उदयपुर में पानरवा थाने की डैया चौकी पर विवाहिता के साथ पुलिसकर्मी के दुष्कर्म का प्रयास करने का मामला सामने आया है। पुलिस के साथ पीड़िता दो दिन तक निजी वाहन से गुजरात में भटकती रही और वहां मारपीट के बाद उसे वहीं छोड़ दिया। वहां से लौटने के बाद पीड़िता ने विधायक और ग्रामीणों के साथ मिलकर शिकायत की तब जाकर मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया। साथ ही थानाधिकारी सहित एक अन्य पुलिस अधिकारी को लाइन हाजिर के आदेश जारी किए। मिली जानकारी के अनुसार पानरवा थाने की डैया चौकी पुलिस एक लापता युवती की जांच के लिए दो दिन पहले पीड़िता के घर पहुंची। बिना वारंट तथा अनुमति के पुलिस ने आदिवासी महिला को पड़ताल के बहाने उठाया और गुजरात ले गई। वे लोग उसे निजी वाहन से ले गए, यह गाड़ी पुलिसकर्मी जितेंद्र कुमार की बताई जा रही है। पीड़िता के महिला होने पर महिला पुलिसकर्मी का साथ होना आवश्यक है, इसके बावजूद वह अपने साथ किसी महिला पुलिसकर्मी को साथ में नहीं लिया।

गुरुवार रात उसे थाने में रखा गया। जहां कांस्टेबल जितेंद्र कुमार ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई। इस सारे घटनाक्रम से पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार पूरी तरह बेखबर थे। मारपीट के बाद पुलिसकर्मी पीड़िता को गुजरात के विसनगर क्षेत्र में छोड़ आए। किसी तरह पीड़िता अपने गांव लौटी और ग्रामीणों को आपबीती सुनाई। यह बात झाडोल विधायक बाबूलाल खराड़ी को पता चली तो वह पीड़िता को पुलिस उप अधीक्षक कुशाल चोरडिया के पास ले गए। जिनके जरिए पुलिस अधीक्षक को घटनाक्रम की जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के आदेश दिए। आरोपी सिपाही जितेंद्र कुमार के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास, मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया। जिसे पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जबकि घटनाक्रम को छिपाने के मामले में पानरवा थानाधिकारी नाथूसिंह तथा सहायक उप निरीक्षक राजकुमार केा लाइन हाजिर कर दिया।पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार का कहना है कि बिना वारंट महिला को उठाना तथा बिना अनुमति महिला को दूसरे राज्य में ले जाने की गैर कानूनी है। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इधर, थानाधिकारी नाथू सिंह ने बताया कि उनसे घटनाक्रम की जानकारी छिपाई गई। चार महीने पहले झेर गांव के रामसिंह डामोर ने पानरवा थाने में उसकी 26 वर्षीया बहन भावना के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें पीड़िता को भी नामजद किया गया था। जिस पर आरोप है कि उसने भावना को गुजरात के विसनगर क्षेत्र में बेच दिया। झाड़ोल से भाजपा विधायक बाबूलाल खराड़ी का कहना है कि आदिवासी महिला के साथ पुलिसकर्मियों ने ज्यादती कर बहुत बड़ा अपराध किया है। पीड़िता के साथ जब थाने पहुंचे तो थानाधिकारी ने मामला दर्ज किए जाने से इंकार कर दिया था। जब वह पुलिस उप अधीक्षक के पास पहुंचे तब मामला दर्ज हो पाया।पुलिस उप अधीक्षक कुशाल चोरडिया ने कहा कि कांस्टेबल जितेंद्र के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट में एएसआई और थानाधिकारी का नाम नहीं है। भाजपा विधायक खराड़ी नें प्रदेश की कांग्रेस सरकार को इस मामले में घेरते हुए कहा कि पुलिसकर्मी ही अपराधियों की तरह बर्ताव करने लगे हैं और सरकार तीन साल के जश्न में डूबी है।

 

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