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रेलवे वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए रियायतों की बहाली पर कर रहा है विचार, लेकिन उम्र के मानदंड में किया जा सकता है बदलाव

नई दिल्‍ली
कड़ी आलोचनाओं के बाद रेलवे वरिष्ठ नागरिक रियायतों की बहाली पर विचार कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि कार्ड पर 70 साल से ऊपर के लोगों के लिए रियायती किराया बढ़ाकर उम्र मानदंड में बदलाव किया जा रहा है। हालांकि उक्‍त रियायत केवल सामान्य और स्लीपर क्लास पर दी जा सकती है। पहले महिलाओं के लिए 58 साल और पुरुषों के लिए 60 साल का मानदंड रखा गया था। सूत्रों ने बताया कि बुजुर्गों के लिए सब्सिडी बरकरार रखते हुए रेलवे इन रियायतों को देने की लागत की भरपाई के उपायों पर विचार कर रहा है।

आधिकारिक सूत्र ने बताया कि हमारा का मानना है कि ये रियायतें बुजुर्गों की मदद करती हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम इसे पूरी तरह से खत्म करने जा रहे हैं। हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं और इस पर फैसला लेंगे। सूत्रों ने संकेत दिया कि रेलवे बोर्ड वरिष्ठ नागरिकों को रियायत देने के लिए उम्र के मानदंडों में बदलाव करने और इसे केवल 70 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए बढ़ाने पर विचार कर रहा है। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान ये रियायतें खत्‍म कर दी गई थीं।

रेलवे महामारी से पहले 58 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की महिलाओं और 60 वर्ष एवं उससे अधिक उम्र के पुरुषों के लिए रियायतों को बढ़ा दिया था। बुजुर्ग महिलाएं 50 प्रतिशत छूट के लिए पात्र थीं जबकि वृद्ध पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी क्‍लास (सामान्‍य, स्‍लीपर और एसी) में 40 फीसद छूट का लाभ उठा सकते थे। सूत्रों ने बताया कि रेलवे आगे रियायतों को केवल गैर-एसी यात्रा तक सीमित करना चाहता है। रेलवे तर्क यह है कि यदि इसे स्लीपर और सामान्य क्‍लास तक सीमित रखा जाता है तो 70 फीसद यात्री कवर हो जाएंगे।

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