देश

गुजरात के शख्स में मिला दुर्लभ ब्लड ग्रुप, देश का पहला व दुनिया का दसवां व्यक्ति बना

अहमदाबाद
गुजरात के एक शख्स में दुनिया का दुर्लभ ब्लड ग्रुप ईएमएम निगेटिव पाया गया है। इस ब्लड ग्रुप वाला यह भारत का पहला, जबकि दुनिया का दसवां व्यक्ति है। दिल के मरीज इस व्यक्ति की सर्जरी होनी है, लेकिन उसके ग्रुप का खून नहीं मिलने के कारण चिकित्सक काफी चिंतित हैं। आमतौर पर मानव में चार तरह के ब्लड ग्रुप (ए, बी, एबी व ओ ग्रुप) होते हैं। ईएमएम निगेटिव अति दुर्लभ रक्तसमूह है। सूरत के समर्पण ब्लड डोनेशन सेंटर की डा. जोशनी बताती हैं कि दिल के मरीज 65 वर्षीय इस व्यक्ति की सर्जरी की जानी है, जिसके लिए उसके ग्रुप के खून की जरूरत है। जब उसका ब्लड अलग-अलग सेंटर पर भेजा गया तो उनका ब्लड ग्रुप का रक्त कहीं पर भी नहीं मिला।

खून की कमी के कारण नहीं हो पाया आपरेशन
खून की कमी के कारण इस शख्स का आपरेशन नहीं हो पा रहा है। इंटरनेशनल सोसायटी आफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन ने इसके ब्लड ग्रुप की जांच कर इसे दुर्लभतम ईएमएम निगेटिक रक्त समूह बताया है। बताया जाता है कि इस रक्त समूह के रक्त में लाल रुधिर कणिका (रेड ब्लड सेल्स) आरबीसी में एंटीजन नहीं पाया जाता है। यह एक अन्य ब्लड ग्रुप टाइप गोल्डन जैसा ही होता है। एक आस्ट्रेलियन गर्भवती महिला की जांच के दौरान चिकित्सकों ने इस ब्लड ग्रुप की खोज की थी। इस दुर्लभ समूह के व्यक्ति ना किसी को खून दे सकते हैं और ना किसी से खून ले सकते हैं।

ब्लड ग्रुप पर शोध
आम तौर पर मानव में चार प्रकार के रक्त समूह ए,बी, एबी व ओ समूह ही पाया जाता है, इनमें ओ रक्त समूह चारों ग्रुप के व्यक्ति को रक्त दे सकता है, लेकिन ओ ग्रुप के व्यक्ति को केवल ओ ग्रुप का व्यक्ति ही रक्त दान कर सकता है। इससे विपरीत एबी ग्रुप का व्यक्ति को चारों रक्त समूह के लोग रक्त दान कर सकते हैं। आस्ट्रेलियन फिजिशियन कार्ल लेंड स्टीनर ने 1901 में खून के अलग-अलग ग्रुप विषय पर शोध शुरू किया था। वर्ष 1909 में उन्होंने रक्त को चार भाग ए, बी, एबी व ओ ग्रुप में विभक्त कर शोध कार्य पूर्ण किया। इसके लिए उन्हें 1930 में नोबल पुरस्कार भी दिया गया।

मरीज के खून में ईएमएम नहीं
रेडक्रास सोसायटी अहमदाबाद की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विशेषज्ञ झलक पटेल बताती हैं कि ओ, ए, बी और एबी मानव शरीर में पाए जाने वाले सामान्य रक्त समूह हैं। आरएच और डीयूएफएफवाई जैसी 40 से अधिक ब्लड सिस्टम है। ईएमएम एक तरह का हाई-फ़्रीक्वेंसी एंटीजन है, जिसे खोजना बहुत आम है। लेकिन इस मरीज के खून में ईएमएम नहीं था। ईएमएम एंटीजन एंटीबाडी होते हैं, जो मानव शरीर में स्वाभाविक रूप से विकसित होते हैं। ईएमएम नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले दुनिया में नौ विश्व स्तर पर पंजीकृत व्यक्ति हैं। अब उस सूची में गुजरात के एक 10वें व्यक्ति को जोड़ा गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button