कल से एम्स में मुफ्त होगा ओपीडी का रजिस्ट्रेशन, 300 रुपए तक की जांचें भी होगी फ्री
नई दिल्ली । दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान इलाज के लिए अस्पताल में आने वाले मरीजों को बड़ी राहत देने जा रहा है। बुधवार 2 नवंबर से एम्स में ओपीडी का निशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। एम्स प्रशासन ने इसका ऐलान कर दिया है और यह व्यवस्था मंगलवार सुबह से लागू हो जाएगी। एम्स प्रशासन की ओर से मरीजों से लिया जाने वाला ओपीडी का 10 रुपए शुल्क खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही 300 रुपए तक की स्वास्थ्य जांच भी मुफ्त कर दी गई है। एम्स प्रबंधन के इस निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राहत मिलेगी।
यह व्यवस्था बुधवार से लागू हो जाएगी। एम्स में ओपीडी पंजीकरण के लिए अब तक 10 रुपए का शुल्क निर्धारित है, जो आगामी 2 नवंबर से समाप्त हो जाएगा। अब लोगों को पंजीकरण के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। एम्स प्रशासन के इस फैसले से ऐसे लोगों को राहत मिलेगी, जो बेहद गरीब परिवार से आते हैं। ओपीडी के लिए पंजीकरण निशुल्क होने के साथ-साथ एम्स प्रशासन की ओर से एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। इसके तहत अब एम्स में 300 रुपए तक की जांच की सुविधा भी नि:शुल्क ही होगी। यह निर्णय भी 2 नवंबर से अमल में आ जाएगा।
एम्स में 2 नवंबर से ही सीटी स्कैन और एमआरआइ जांच का डाटा भी आनलाइन कर दिया जाएगा। इसका फायदा मरीजों को ही मिलेगा। इसके अलावा, एम्स में अब मरीज की जांच का डाटा भी रियल टाइम में अपडेट किया जाएगा। एम्स प्रशासन की ओर से पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। एम्स में सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच के लिए लंबी तारीख मिलती थी। इसको लेकर एम्स प्रशासन पर लगातार आरोप लगते रहे हैं। अब एम्स के इस फैसले से लोगों को भी संतुष्टि का भान होगा।
वहीं, एम्स प्रशासन ने पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाते हुए शनिवार को अपनी वेबसाइट पर एक डैशबोर्ड की शुरुआत कर दी है। इसमें इमरजेंसी बिस्तर और इलाज कराने के प्रतीक्षारत मरीजों का रियल टाइम डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है। एम्स के निदेशक एम श्रीनिवास ने एम्स मुख्य अस्पताल कैजुअल्टी डैशबोर्ड' की शुरुआत की। उन्होंने इमरजेंसी बिस्तरों की उपलब्धता के रियल टाइम डाटा, बिस्तर की स्थिति से जुड़े एकीकृत डैशबोर्ड और दोतरफा रेफरल प्राणली बनाने पर जोर दिया।