देश

गणतंत्र दिवस: क्या है Flag Hoisting और Flag Unfurling का अंतर?

 नई दिल्ली
पूरा भारत इस वक्त अपने 73वें गणतंत्र दिवस के जश्न की तैयारी में लगा है। हालांकि कोविड की वजह से इस बार भव्य कार्यक्रम देश में आयोजित नहीं हो रहे हैं। बता दें कि देश में गणतंत्र दिवस या रिपब्लिक डे के अवसर पर स्कूल-कॉलेजों में कार्यक्रम होते हैं और इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हालांकि अभी कोरोना के कारण बहुत जगहों पर स्कूल-कॉलेज नहीं खुले हैं, ऐसे में लोग वर्चुअल सेलिब्रेशन की तैयारी कर रहे हैं। 26 जनवरी के दिन देश के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं 26 जनवरी के दिन देश के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं मालूम हो कि देश के राष्ट्रीय पर्व जैसे गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को झंडा फहराया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों दिनों के ध्वजारोहण में फर्क होता है। 26 जनवरी के दिन देश के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं तो वहीं स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के पीएम ध्वजारोहण करते हैं।
 'झंडा फहराना'
'झंडा फहराना' इसी के साथ ही आपको एक खास बात और बताते हैं, दरअसल स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे 'ध्वजारोहण' यानी कि Flag Hoisting कहते हैं, जबकि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है, जिसे 'झंडा फहराना' कहते हैं, जिसके लिए Flag Unfurling शब्द का प्रयोग किया जाता है

 क्या है तिरंगा फहराने का नियम?
क्या है तिरंगा फहराने का नियम? हमारा राष्ट्रीय ध्वज यानी कि तिरंगा हमारी आन-बान और शान है। हमारा ध्वज हमारी पहचान है इसलिए इसको फहराने का भी नियम होता है, जिसे जानना हर भारतवासी को जरूरी है। तिरंगा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जाता है। तिरंगे को जमीन पर नहीं रखना चाहिए। झंडे को कभी झुकाया नहीं जाता ऐसा तभी होता है जब देश में कोई राष्ट्रीय शोक हो। झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने या इसका अपमान करने पर इंसान को जेल भी जाना पड़ सकता है।
क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस?
क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस? 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था इसी वजह से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। आपको बता दें कि भारतीय संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। भारत का संविधान एक लिखित संविधान है। गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। इसके बाद हमारी सेना अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button