हिंदुत्व के मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही शिवसेना! क्या BJP और MNS है वजह
मुंबई
महाराष्ट्र में हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इधर, राज्य की महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे हर मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रखते नजर आ रहे हैं। इसका उदाहरण 13 विपक्षी नेताओं की तरफ से हस्ताक्षर किए पत्र को माना जा सकता है, जिसमें मुख्यमंत्री ठाकरे शामिल नहीं थे। विपक्षी पार्टियों ने देश में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर यह पत्र केंद्र को लिखा था। पार्टी हलकों में कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना की तरफ से हिंदुत्व को लेकर दिए जा रहे दबाव के चलते शिवसेना ने यह फैसला लिया था। शिवसेना में इस बात को लेकर परेशानी दिख रही है कि भाजपा और मनसे संभावित रूप से यह धारणा तैयार कर रहे हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने के बाद पार्टी ने अपनी मूल विचारधारा को कमजोर किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना नेताओं का मानना है कि अगर पार्टी विपक्षी दलों के साथ पत्र पर हस्ताक्षर करती, तो भाजपा, शिवसेना पर हिंदुत्व को कमजोर करने के आरोप लगा सकती थी। वहीं, सेना के कई नेताओं का यह मानना भी है कि भाजपा और मनसे को 'हिंदुत्व का एकमात्र संरक्षक' बनने देना सेना के वोट बेस को नुकसान पहुंचाता। हालांकि, इससे पहले भी शिवसेना ने अपना आधार बचाने के लिए ऐसी ही बातें कही हैं। उदाहरण के तौर पर बीते नवंबर में अमरावती में मुस्लिम रैली के चलते भड़के दंगे के बाद भाजपा ने बंद बुलाया था। इससे एक और दंगा हुआ, लेकिन सेना के पदाधिकारी ने भाजपा के बंद में हिस्सा लिया था। धार्मिक कामों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति को पेश कर एमवीए सरकार अपना रुख स्पष्ट कर रही है। यह पार्टी के अपने उस मत से हटने को दिखाता है, जहां उसका कहना था कि वे मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे।
सोमवार को राज्य के गृहमंत्री दिलीप वसे पाटिल ने कहा था कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त जल्द ही नीति तैयार करेंगे और अधिसूचना या दिशा निर्देश 1-2 दिन में जारी हो जाएंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर सीएम ठाकरे से भी मुलाकात की थी। मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इस मामले पर बैठक करने जा रहे हैं। पार्टी के लोगों का कहना है कि मस्जिदों और दूसरे धार्मिक स्थानों को परमिट के लिए आवेदन के जरिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को नियमित करने की योजना थी।