एसआईआई ने DCGI से कोवोवैक्स के तीसरे चरण के परीक्षण की मांगी अनुमति
मुंबई
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने देश के औषधि नियामक से दो साल से 18 साल तक की आयु के बच्चों में बूस्टर खुराक के रूप में अपने कोविड-19 रोधी टीके 'कोवोवैक्स' की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति मांगी है।
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मार्च में वयस्कों में बूस्टर खुराक के रूप में कोवोवैक्स के तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दे दी थी। एसआईआई के सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने एक आवेदन भेजकर भारत में दो से 18 वर्ष की आयु के उन बच्चों पर तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति मांगी है जो कम से कम छह महीने पहले कोवोवैक्स टीके के साथ कोविड रोधी प्राथमिक टीकारण करा चुके हैं।
परीक्षण में बूस्टर खुराक के रूप में टीके की प्रतिरक्षण क्षमता और सुरक्षा का मूल्यांकन किया जाएगा। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भी हाल ही में भारत के औषधि नियामक से दो से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में बूस्टर खुराक के रूप में अपने कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन के चरण-2/3 का अध्ययन करने की अनुमति मांगी है।