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सर्वोच्च न्यायालय ने 12 बीजेपी एमएलए के निलंबन को बताया असंवैधानिक

मुंबई
 सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार को तगड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा द्वारा निलंबित किए गए बीजेपी के 12 विधायकों के निलंबन को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि विधानसभा द्वारा लिया गया फैसला असंवैधानिक है। अदालत ने यह भी कहा कि इन विधायकों का निलंबन सिर्फ उस वक्त चल रहे मानसून सत्र के लिए भी हो सकता था।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ बीजेपी विधायकों द्वारा अपमानजनक बर्ताव करने की वजह से 6 जुलाई को 12 बीजेपी विधायकों को 1 साल के लिए निलंबित किया गया था। इन विधायकों में आशीष शेलार,गिरीश महाजन, अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे, संजय कुटे, पराग अलवानी, राम सातपुते, हरीश पिंपले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, कीर्ति कुमार बागड़िया का नाम शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट बीजेपी ने लगाई थी गुहार
महाराष्ट्र विधान सभा द्वारा 12 बीजेपी विधायकों के निलंबन का बीजेपी ने पुरजोर विरोध किया था। तब बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा था कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। इस मामले को लेकर बीजेपी विधायक आशीष शेलार और अन्य विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें पीड़ित पक्ष की तरफ से यह कहा गया था कि एक साल के निलंबन का फैसला दुर्भावना के चलते लिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसा फैसला लेने के पहले एक बार भी उनके पक्ष को सुनने का प्रयास तक नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद अदालत ने विधानसभा के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह फैसला निष्कासन से भी बुरा है। सुनवाई कर रहे जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा था कि इस फैसले की वजह से इन निर्वाचन क्षेत्रों का कोई भी व्यक्ति सदन में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। विधानसभा का यह फैसला किसी एक सदस्य को नहीं बल्कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र को सजा देने के बराबर है।

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