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खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च से तनाव,CM मान ने बुलाई अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक

 चंडीगढ़

पंजाब के पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान शिवसैनिकों और खालिस्तान समर्थकों के बीच झड़प की घटना हो गई थी. आज ही यानी 29 अप्रैल को हुई झड़प की घटना के बाद पटियाला शहर में हालात तनावपूर्ण हो गए थे. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है.

जानकारी के मुताबिक पटियाला शहर में आज शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा.

सी.एम. भगवंत मान ने चिंता जताई और इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने घटना पर चर्चा के लिए आज शाम को उच्च स्तरीय की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा की सारी घटना पर सरकार की नजर टिकी हुई है। इस तनावपूर्ण स्थिति को लेकर लगातार डी.जी.पी. से बातचीत हो रही है और बारीकी से जांच की जा रही है। पंजाब में अमन शांति व भाईचारा सबसे ऊपर है। सी.एम. मान ने कहा कि किसी को भी राज्य में गड़बड़ी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।  

जुलूस निकालने को लेकर दो समुदाय आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। बवाल इतना बढ़ गया कि दोनों ओर से पत्थरबाजी हुई और तलवारें तक चलने लगीं। इसमें कई पुलिसकर्मी और लोगों के घायल होने की खबर है। कहा जा रहा है कि यह झड़प शिवसेना कार्यकर्ता और खालिस्तानी समर्थकों के बीच हुई है। पुलिस को पूरे मामले को शांत कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद से ही शहर में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है।

जानकारी के मुताबिक शिवसैनिकों की तरफ से खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकाला गया। शिवसेना के पंजाब कार्यकारी प्रधान हरिश सिंगला की देखरेख में निकाला गया यह मार्च आर्य समाज चौक से शुरू हुआ। शिव सैनिक कार्यकर्ता खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बढ़ रहे थे। इसी दौरान कुछ सिख संगठन भी तलवारें लेकर सड़क पर आ गए और हिंसक झड़प होने लगी। दोनों तरफ से तलवारें लहराई गईं और पथराव भी किया गया। कई लोग घायल हो गए हैं।

जानकारी मिल रही है कि बवाल बढ़ने पर ईंट-पत्थर चलने लगे। छतों से भी पत्थरबाजी होती रही। इस घटना के बाद पुलिस ने सिख संगठनों को प्रदर्शन और हिंदू संगठनों को मार्च निकालने से रोक दिया है। इस झड़प के बाद सड़कें ईंट-पत्थर से पट गई हैं।

बवाल बढ़ने पर SHO करनवीर ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उनपर भी हमला हो गया। जिसमें वे घायल हो गए। इसके बाद SSP नानक सिंह ने मोर्चा संभाला और हवाई फायरिंग भी की। वहीं, IG राकेश अग्रवाल का दावा है कि स्थिति अब पूरी तरह कंट्रोल में है। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है।

वहीं जसविंदर सिंह राजपुरा ने कहा कि सिख संगठनों ने कई दिन से अपील की थी कि कुछ संगठन सिख राज के खिलाफ माहौल खराब कर रहे हैं। प्रशासन को चाहिए था कि इन लोगों को गिरफ्तार करते, ताकि माहौल खराब न हो।

क्या था पूरा मामला- पंजाब के पटियाला के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को शिवसेना (बाल ठाकरे) नेताओं के खालिस्तान विरोधी मार्च के दौरान दूसरे समूह के साथ झड़प हो गई। जिसके बाद तनाव हो गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। दोनों गुटों के सदस्यों ने तलवार लहराई और एक-दूसरे पर पथराव किया।

पुलिस ने क्या कहा- पटियाला जिला आयुक्त साक्षी साहनी ने एक बयान में कहा- “शांति और सद्भाव हमारे सभी धर्मों और उनके मूल लोकाचार के केंद्र में है। कोई भी विवाद या गलतफहमी हो तो भी बातचीत से इसे हल करना महत्वपूर्ण है। ऐसे में, जिला प्रशासन पटियाला सभी भाइयों और बहनों से अपील करता है कि शांति और भाईचारा बनाए रखें। वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है और लगातार निगरानी की जा रही है। शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं”।

पटियाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राकेश अग्रवाल ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन अफवाहों के बाद तनाव शुरू हुआ कि कुछ प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि निहंग, जो पहले शिवसेना द्वारा दिए गए आह्वान का मुकाबला करने के लिए दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे में एकत्र हुए थे, खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए मंदिर की ओर बढ़े। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निहंगों को मंदिर की ओर बढ़ने से रोकने की कोशिश में पटियाला पुलिस के एक थाना प्रभारी के हाथ में चोट लग गई। पुलिस ने फायरिंग की तो कुछ निहंग उनके सामने विरोध करते नजर आए।

 

 

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