आज सुबह 6.25 पर शुभ मुहूर्त में खुले बाबा केदारनाथ के पट
देहरादून
छह महीने बाद चार धामों में से एक बाबा केदारनाथ(Baba Kedarnath) के पट(दरवाजे) खोल दिए गए हैं। सुबह 6.25 बजे शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। इसके साथ ही हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचे। अनुमान है कि कपाट खोलते समय करीब 10 हजार लोग मौजूद थे। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) भी मौजूद रहे। बता दें कि 3 मई अक्षय तृतीया से चार धाम यात्रा शुरू हो गई है। केदारनाथ के कपाट खुलने के 2 दिन बाद 8 मई को बदरीनाथ मंदिर खोल दिया जाएगा।
गुरुवार को केदारनाथ पहुंच गए थे श्रद्धालु
गुरुवार सुबह हजारों की संख्या में श्रद्धालु गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की तरफ रवाना हुए थे। करीब 21 किलोमीटर की यह दूरी पैदल, घोड़े या पिट्ठू से पूरी की गई। गुरुवार सुबह 6 बजे शुरू हुई यह यात्रा शाम 4 बजे केदारनाथ धाम पर पहुंचकर पूरी हुई। मान्यता है कि बाबा केदारनाथ दुनिया की भलाई के मकसद से 6 महीने समाधि में रहते हैं। जब मंदिर के कपाट बंद होते हैं, तब सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कहते हैं कि कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदार समाधि से उठते हैं। बाबा केदारनाथ में पूजा दक्षिण की वीर शैव लिंगायत विधि से कराई जाती है। मंदिर के गद्दी पर रावल विराजे हैं, जो यहां के प्रमुख हैं। रावल यानी पुजारी। ये कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं। पूजा-अर्चना रावल के शिष्य कराते हैं। बता दें कि केदारनाथ उत्तराखंड के चार धामों में तीसरे नंबर पर है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। इस मंदिर का निर्माण 8वीं-9वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने कराया था। मंदिर करीब 3,581 वर्ग मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है।
2 साल कोरोना के कारण लगे रहे अंकुश, लेकिन इस बार छूट
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाक्टर हरीश गौड़ के मुताबिक इस बार श्रद्धालुओं को कोरोना जांच (Covid 19 Test) कराना अनिवार्य नहीं है। वे अपनी मर्जी से ऐसा करा सकते हैं। हां, यात्रा के दौरान मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 15,000 (पंद्रह हजार), श्री केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 12,000, श्री गंगोत्री धाम में 7,000 और श्री यमुनोत्री धाम में 4,000 श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे।